केन्द्र सरकार ने टैक्स चोरी की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लिया है। सूत्रों की मानेंं तो जिले में भी टैक्स चोरी का मामला सामने आया था, हालांकि जांच के बाद कोई सबूत नहीं मिलने से व्यापारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। ऐसे में शासन ने इस पर लगाम कसने के लिए इंटर प्रोजेक्ट इनसाइट सॉफ्टवेयर लांच किया है। अधिकारियों की मानेंं तो यह सॉफ्टवेयर करदाता की आय-व्यय का डाटा खुद ही तैयार कर लेगा।
उल्लेखनीय है कि आयकर रिटर्न दाखिल करते समय व्यापारियों को अपना पैन नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल, आधार कार्ड नंबर समेत अन्य दस्तावेजों का पूरा डिटेल देना होता है। देखा गया है कि व्यापारी मैनीअली आयकर रिटर्न दाखिल करते समय कुछ जानकारियोंं को छिपा लेता है। आयकर विभाग मेंं भी मैनुअली काम होने से अधिकारी बारीकी से इसकी जांच नहीं कर पाते हैं। ऐसे में कई आयकर दाता टैक्स चोरी करने में सफल भी हो जाते हैं।