उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी के 1 दिन पहले मिले इस माओवादी पक्ष के बाद जिला पुलिस-प्रशासन काफी अलर्ट हो गई है। मगरलोड ब्लॉक के गरियाबंद बॉर्डर से लगे क्षेत्रों में सर्चिंग बढ़ा दी गई है । इसके साथ ही नगरी सिहावा वनांचल में भी पुलिस गश्त बढ़ा दिया गया है।
नक्सली पर्चे के अनुसार प्रचार सप्ताह के दौरान सभा, सम्मेलन, रैलियों और आमसभाओं के माध्यम से क्रांतिकारी दमन योजना ‘समाधान’ के खिलाफ प्रचार कर संगठनों को मजबूत कर विस्तार करने व बस्तरिया बटालयिन ओर आदिवासी बटालयिन में भर्ती का बहिष्कार भी किया। इसके अलावा पुजारी कांकेर, आइपेंटा, तिममेम, कसनुर, गुमियाबेड़ा में हुई मुठभेड़ों को फर्जी बताया। नक्सलियों ने जारी पर्चे में सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, पत्रकारों, कलाकारों, मानव अधिकार संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों और हत्याओं का भी विरोध किया।
नक्सली पर्चे के अनुसार प्रचार सप्ताह के दौरान सभा, सम्मेलन, रैलियों और आमसभाओं के माध्यम से क्रांतिकारी दमन योजना ‘समाधान’ के खिलाफ प्रचार कर संगठनों को मजबूत कर विस्तार करने व बस्तरिया बटालयिन ओर आदिवासी बटालयिन में भर्ती का बहिष्कार भी किया। इसके अलावा पुजारी कांकेर, आइपेंटा, तिममेम, कसनुर, गुमियाबेड़ा में हुई मुठभेड़ों को फर्जी बताया। नक्सलियों ने जारी पर्चे में सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, पत्रकारों, कलाकारों, मानव अधिकार संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों और हत्याओं का भी विरोध किया।