ग्राम जबर्रा निवासी मनोहर मरकाम पुलिस विभाग में सहायक आरक्षक के पद पर रहते हुए नक्सल क्षेत्र के लिए बनाए गए डीआरजी में शामिल था। बीते 5 फरवरी को उसकी पत्नी लक्ष्मी बाई मरकाम ने नगरी थाना में आकर सूचना दी कि मनोहर मरकाम 4 फरवरी की रात को करीब 9 बजे शराब के नशे में लड़खड़ाते हुए बेहोश होकर गिर गया था। जिसे इलाज के लिए नगरी अस्पताल लेकर गई। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पत्नी के इस बयान को देखते हुए मनोहर की मौत सामान्य नजर आ रही थी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले का रुख हत्या की ओर मोड़ दिया।
क्या है पूरा मामला
पुलिस इस मामले में हत्या का अपराध दर्ज कर जांच में जुट गई। गांव में पूछताछ करने पर यह बात सामने आई कि मनोहर की किसी से कोई न लड़ाई झगड़ा था या न कोई दुश्मनी थी। ऐसे में शक की सुई सीधे घर में मौजूद मनोहर की पत्नी लक्ष्मी बाई मरकाम और उसकी बीवी की बहन दामिनी नेताम पर जाकर टिक गई। पुलिस ने दोनों से अलग-अलग बिंदुओं में पूछताछ की। जिसमे दोनों ही मनगढ़ंत कहानियां बनाते रहे। लेकिन ज्यादा दिन तक पुलिस को चकमा नहीं दे पाए और अपनी बातों में फंस गए।
आखिरकार दोनों ने अपना अपराध कबूल करते हुए बताया कि मनोहर मरकाम शराबी था। जो कि शराब के नशे में अनाप-शनाप गाली गलौज करते हुए लड़ाई करता था। 4 फरवरी की रात को भी वह शराब के नशे में धुत होकर अपने ससुराल डोंगरडुला आया हुआ था। जहां रात में फिर से वह गाली गलौज करने लगा। जिससे परेशान होकर दोनों ने रस्सी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। और वारदात को सामान्य घटना का रूप देने के लिए मनोहर के मृत शरीर को अस्पताल ले गए और झूठी कहानियां भी बनाई। बहरहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर पर जेल भेज दिया है।
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