उल्लेखनीय है कि केन्द्र शासन ने वालमार्ट और फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन कंपनियों के साथ डील किया है। इसके तहत ये कंपनियां खाद्य समेत अन्य वस्तुओं को सस्ते दर पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध करा रही है। ऐसे मेंं देश के लघु व्यवसायियों पर खतरा मंडरा रहा है। इस मुद्दे को लेकर कैट ने भारत बंद का आह्वान किया था, जिसे प्रदेश चेम्बर ऑफ कामर्स ने भी नैतिक समर्थन दिया, जिसके चलते धमतरी जिले मेंं भी विभिन्न व्यापारिक संगठनोंं ने अपनी दुकानें बंद रखी। एक जानकारी के अनुसार जिले में 352 मेडिकल दुकान, 250 सराफा दुकान, 7 सौ से अधिक किराना दुकान, 40 से अधिक थोक किराना और 12 सौ से अधिक लघु व्यवसायी है, सभी ने वालमार्ट और फ्लिपकार्ट डील के विरोध मेंं स्वस्फूर्त दुकानें रखी।
सुबह ११.३० बजे कैट और विभिन्न व्यापारी संगठनों के लोगों ने सिहावा चौक से बाइक रैली निकालकर व्यापारियों से बंद को समर्थन देने की अपील की, जिसके बाद एक-एक कर सभी व्यापारियों ने दुकानों को बंद कर दिया। इसके बाद भी व्यापारी शहर मेंं दुकान बंद कराने के लिए भ्रमण करते रहे। दोपहर बाद व्यापारियोंं ने १६ सूत्रीय मांंगोंं को लेकर प्रधानमंत्री के नाम कलक्टर डॉ सीआर प्रसन्ना को ज्ञापन सौंपा। मौके पर नरेन्द्र रोहरा, मोहन अग्रवाल, नवीन सांखला, दीपक जैन, महेन्द्र खंडेलवाल, सुरेश वल्र्यानी, अर्जुन लखवानी, अनिल लखवानी, अमित रमानी, सलज अग्रवाल, दिनेश मूलवानी, नरेश मंगलानी, लखन मूलवानी, गणेश, भारत वाधवानी, बंटी वाधवानी, सानू वाधवानी, गणेश लालवानी समेत व्यापारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
भटकते रहे लोग
बंद को मेडिकल व्यवसायी ने भी अपना समर्थन दिया था, जिसके चलते जिले के मेडिकल दुकानेंं बंद रही। ऐसे में इमरजेंसी में दवाओं के लिए लोगोंं को भटकना पड़ा। सोमेश्वर चंद्रवंशी, उर्वशी नगारची ने बताया कि वह इलाज के लिए निजी अस्पताल आए थे। डाक्टर ने दवाई के लिए पर्ची थमा दिया, लेकिन मेडिकल दुकानें बंद होने से उन्हें मायुस होकर लौटना पड़ रहा है।
लघु व्यापार हो जाएगा चौपट
कैट के जिलाध्यक्ष महेश रोहरा ने कहा कि ऑनलाइन डील की वजह से रिटेल कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो जाएगा। कैलाश कुकरेजा का कहना था कि इमरजेंंसी दवाईयोंं की कीमतों में 30-30 फीसदी का अंतर आया है। यही हाल रहा, तो जिले के ७ सौ से ज्यादा लघु व्यवसायियों का व्यापार चौपट हो जाएगा।