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धमतरी में पानी की लड़ाई : रबी फसल को पानी न देने के फैसले से किसान आगबबूला, अब करेंगे ऐसा आंदोलन

जल उपयोगिता समिति के निर्णय से किसान यूनियन में रोष पनपने लगा है। यूनियन के जिलाध्यक्ष घनाराम साहू,महावीर साहू, रामनिहोरा निषाद का कहना है कि 32.150 टीएमसी क्षमता वाले गंगरेल बांध में 96 फीसदी अर्थात 31.184 टीएमसी पानी पानी संग्रहित है। इसके अलावा अन्य बांधों में भी पर्याप्त पानी हैं। जबकि वाष्पण एवं क्षरण के रूप में कुल 7 टीएमस पानी वेस्ट होता हैं। ऐसे में पानी की भरपूर उपलब्धता को देखते हुए रबी सीजन में किसानों को पानी दिया जाना चाहिए।
 
 

धमतरीDec 06, 2022 / 01:12 pm

Shiv Singh

धमतरी में पानी की लड़ाई : रबी फसल को पानी न देने के फैसले से किसान आगबबूला, अब करेंगे ऐसा आंदोलन

धमतरी. मानसून में झमाझम बारिश होने से गंगरेल बांध पानी से है लबालब।

धमतरी. धमतरी के हजारों किसान इस समय आगबबूला हैं। इसकी वजह है कि बांध से इनकी रबी फसल को पानी न देना का फैसला है। पानी न देने का फैसला सोमवार को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जल उपयोगिता समिति की बैठक में लिया गया है। दोपहर में आयोजित बैठक में सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव, धमतरी विधायक रंजना साहू की उपस्थिति में कलेक्टर पीएस एल्मा ने प्रदेश के सबसे बडे़ गंगरेल बांध समेत मुरूमसिल्ली, सोंढूर और दुधावा बांधों में उपलब्ध पानी की स्थिति की समीक्षा की। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से भी राय-मशविरा किया गया।
गौरतलब है कि महानदी जलाशय परियोजना के तहत गंगरेल, मुरुमसिल्ली और दुधावा जलाशय में कुल 40.69 टीएमसी 94.99 फीसदी है। सिंचाई विभाग के ईई एके पालड़िया ने बताया कि वर्ष 2022-23 के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए 1.73 टीएमसी, निस्तारी के लिए 6.05 टीएमसी, रायपुर नगरनिगम पेयजल के लिए 3.03 टीएमसी, धमतरी नगरनिगम 0.76 टीएमसी प्रस्तावित है। मुरूमसिल्ली, दुधावा, सोंढूर में न्यूनतम जल की मात्रा 1.40 टीएमसी, वाष्पन एवं क्षरण के लिए 6.39 टीएमसी, खारून नदी में निस्तारी एवं नपं पाटन के लिए पेयजल 0.09 टीएमसी, बीरगांव नगरनिगम पेयजल के लिए मांग अनुसार 0.15 टीएमसी और चरौदा, भिलाई पेयजल के लिए 0.28 टीएमसी जल की मात्रा प्रस्तावित है।
किसानों को बांध से पानी नहीं मिलेगा

रबी सीजन में इस साल सिंचाई के लिए किसानों को बांध से पानी नहीं मिलेगा। जलउपयोगिता समिति की बैठक में अधिकारियों ने केंद्रीय जल आयोग/बांध सुरक्षा विशेषज्ञ नई दिल्ली के निर्देशों का हवाला देते हुए सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया। उधर पानी नहीं देने के निर्णय का किसानों ने विरोध किया। उनका कहना है कि बांध में पर्याप्त पानी है। इसके बाद भी यदि सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला, तो मजबूरन उन्हें सड़क में उतर कर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
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निस्तारी के लिए मिल सकता है पानी

बताया गया है कि सोंढूर जलाशय में कुल उपलब्ध उपयोगी जल भण्डारण क्षमता 6.34 टीएमसी के विरूद्ध उपयोगी जल 5.12 टीएमसी उपलब्ध है। इसमें निस्तारी और जलाशय में स्थानीय उपयोग एवं वाष्पण क्षरण के लिए 2 टीएमसी जल आरक्षित रखने के बाद रबी फसल दलहन, तिलहन के लिए शेष 3.12 टीएमसी जल उपलब्ध है। सोंढूर प्रदायक नहर के सैंच्य क्षेत्र (नगरी सिहावा) 5 हजार हेक्टेयर के लिए जल दिया जा सकता है। गंगरेल बांध में पर्याप्त पानी है, इसलिए रबी कार्यक्रम में सिंचाई पानी देना चाहिए।
इसलिए सिंचाई के लिए नहीं मिलेगा पानी

जल उपयोगिता समिति की बैठक में बताया गया कि गंगरेल बांध के गैलरी में सीपेज नियंत्रण कार्य और बांध के नीचे बकेट फ्लोर, टीथ ग्लासिस में एपॉक्सी ट्रीटमेंट कार्य, स्पील चैनल की खुदाई आदि से जुड़े काम कराने के लिए इस साल रबी सीजन में सिंचाई पानी नहीं देने निर्णय लिया गया है।
क्या कहते हैं किसान

राज्य सरकार को सानों के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। सिंचाई पानी के लिए गांव-गांव में किसानों को लामबद्ध कर आंदोलन करेंगे।

लीलाराम साहू, किसान नेता
इस साल अच्छी बारिश होने के कारण अंचल के चारों बांधों में पर्याप्त पानी संग्रहित हैं। बांधों में पानी है तो इसे व्यर्थ ही बहाने से अच्छा है कि किसानों को रबी फसल के लिए पानी दें।
कुमार रणसिंह, भाजपा नेता

बांधों में पानी एक नजर में (टीएमसी में)
बांध क्षमता उपलब्ध फीसदी

गंगरेल 32.150 31.184 96.42

मुरूमसिली 5.83 9 5.161 88.10

दुधावा 10.19 2 9.507 93.17

सोंढूर 6.995 5.770 80.52
योग- 55.176 51.622 358.21

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