एसी ट्राइबल बिसेन ने बताया टीम के साथ निरीक्षण किया है। इस दौरान छात्रावास में उपलब्ध पेयजल स्त्रोत के सैंपलों की जांच करवाई गई। इसमें एक जगह पीने के पानी का सैंपल ठीक पाया गया है। इसलिए इस स्त्रोत का पानी आरओ प्लांट से फिल्टर होकर पीने में उपयोग करने के लिए कहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा इसकी जांच की गई है। वहीं फ्लोराइड का पानी पीने में उपयोग में ना लेने के लिए कहा है। फ्लोराइड वाले पानी को कपड़े धोने और नहाने के काम में लेने की सलाह दी गई है।
70 बालिकाएं दंतीय फ्लोरोसिस से पीडि़त एकलव्य बालिका छात्रावास में 350 बालिकाएं दर्ज है। स्वास्थ्य विभाग की जांच के दौरान ७० बालिकाओं में दंतीय फ्लोरोसिस पाया गया था। जबकि २५ बालिकाओं में फ्लोरोसिस बीमारी की पुष्टि हुई है। फ्लोरोसिस बीमारी में हड्डियां कमजोर होना व वक्त से पहले ही ज्यादा उम्र नजर आने लगती है। धार जिले में अनुमान के तहत ४ हजार बच्चें फ्लोरोसिस बीमारी से पीडि़त है।
इनका कहना – गंधवानी के मॉडल स्कूल परिसर के पानी का हमने जिला चिकित्सालय में टेस्ट करवाया है। एक जगह का पानी पीने योग्य है। उसमें फ्लोराइड की मात्रा कम थी। जहां पर फ्लोराइडयुक्त पानी है, उसे पीने के लिए बच्चों को हमनें मना किया है। अन्य उपयोग में ले सकते है, इससे खाना बनाने के लिए भी मना किया है।
सुप्रिया बिसेन, सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, धार