वह कौन सी बेटी है जिसने चलना ही स्कैट बांधकर सीखा
धार की बेटी एना शेख ने गोल्ड व सिल्वर मैडल की लगाई झड़ी।
वह कौन सी बेटी है जिसने चलना ही स्कैट बांधकर सीखा
धार.
मात्र 6 महीने की उम्र और पैर में स्कैट बांध दिए गए। इस उम्र में जहां बच्चे माता-पिता की अंगुली पकड़े बिना चल नहीं पाते। उस उम्र में एक बिटिया ने अपने घर के आंगन में स्कैट पर चलना सीखा। सुनने में अविश्वसनीय लगता है, लेकिन धार में ऐसा ही हुआ है। वही बेटी अब राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय कई प्रतियोगिताओं में गोल्ड और सिल्वर मैडल जीत चुकी है। बुधवार को जब जिला स्तरीय शिक्षक दिवस सम्मान समारोह में इस बिटिया की विलक्षण प्रतिभा के लिए अभिनंदन किया गया तो पूरा सदन तालियों की गडग़ड़ाहट से बेटी सम्मान में गूंज उठा। हम यहां बात कर रहे हैं स्थानीय केंद्रीय विद्यालय में कक्षा १०वीं में पढऩे वाली एना शेख की। यहां बता दें कि बचपन से ही एना शेख को स्कैटिंग का माहौल मिला। बहुत छोटी सी उम्र में स्कैटिंग के पहियों पर संतुलन बनाकर चलने वाली यह बालिका ने कई पुरस्कार व रिकार्ड अपने नाम किए हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि एना शेख के पिता इकबाल मोहम्मद डिस्ट्रिक रोलर स्कैटिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और बच्चों को इस खेल विधा में पारंगत करने में लगे हुए हैं।
यहां-यहां किया धार का नाम रोशन
एना शेख की प्रतिभा के बल पर उसे कई राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय रोलर स्कैटिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का मौका मिला। इसमें इस बेटी ने सिल्वर और गोल्ड मैडल की झड़ी लगा दी। एना ने पूना, बंैगलुरु, दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, हरियाणा के हिसार में नेशनल स्पद्र्धाओं में हिस्सा लिया। राष्ट्रीय स्तर की पूना में स्कैट खो-खो प्रतियोगिता में एना ने सिल्वर, नजफगढ़ दिल्ली में दो सिल्वर तथा महू में हुई प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल हासिल कर धार का परचम फहराया। एना ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि वह राष्ट्रीय स्तर के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी प्रतिभा दिखाना चाहती है। एना के पिता इकबाल मोहम्मद ने बताया कि बेटी ने चलना ही स्कैट बांधकर सीखा था। उसकी इस प्रतिभा के दम पर उसे निखारने में अधिक मेहनत नहीं करना पड़ी। वह अब भी रोलिंग स्कैटिंग के लिए नियमित अभ्यास करने में जुटी रहती है।