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दबिश की खबर लगते ही दवाखाना बंद कर भागने लगे फर्जी डॉक्टर

झोला छाप डॉक्टर पकडऩे फिर गांव-गांव घूम रही स्वास्थ्य विभाग की टीम

धारNov 09, 2019 / 11:42 am

atul porwal

दबिश की खबर लगते ही दवाखाना बंद कर भागने लगे फर्जी डॉक्टर

दबिश की खबर लगते ही दवाखाना बंद कर भागने लगे फर्जी डॉक्टर

धार.
गुरुवार को जहां नागदा, कानवन क्षेत्र में दबिश दी गई, वहीं शुक्रवार को कालीबावड़ी, सुरणाी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों को तलाशा गया। प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने सबसे पहले टीम डॉ. संदीप जायसवाल के घर पहुंची, जहां डॉक्टर जायसवाल ने बताया कि वह जनरक्षक पद्धती से काम कर रहा है। जब टीम ने छानबीन की तो उसके यहां से मेडिसिन बाटल एवं इंजेक्शन मिले। इनका पंचनामा बनाकर डॉ. के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए सीबीएमओ को थाने जा कर एफआईआर दज्र करवाने के निर्देश दिए।
टीम ने बताया कि डॉक्टर के नाम से खुद का प्रचार कर मरीजों का ईलाज करने वाले जायसवाल के पास किसाी भी प्रकार की डिग्री, पंजीयन नहीं था। इसके बाद डॉ. संजय सिमलोन एवं डॉ. जितेंद्र शर्मा के क्लिनीक पर छापेमार कार्रवाई की गई, जिसमें क्लिनीक संचालक टीम पहुंचने के पहले ही क्लिनीक बंद करके भाग निकले। इन पर बीएमओ को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही गोस्वामी मेडिकल पर भी दबिश देकर जांच की गई तो किराणा दुकान में ही मेडिकल मिला। यहां किराणा सामान के साथ दवाईयां रखी हुई थी। यह काम नियमों के विरूद्ध होने पर क्लिनीक संचालक अशीष गोस्वामी के पास किसी भी प्रकार का रजिस्ट्रेशन नहीं मिलने से उसे नोटिस दिया गया। इसके बाद टीम ने ग्राम दाभड में रावत क्लिनीक पर दबिश दी तो वहां डॉ. कमल रावत के पास बीएएमएस की डिग्री मिली। संबधित के पास किसी भी प्रकार का पंजीयन नहीं मिला, जिससे उसके खिलाफ भी कार्रवाई की गई। ग्राम सुरणी के फर्जी डॉक्टर बबलु विश्वास के निवास एवं घर दोनों पर टीम ने छोपमार कार्रवाई की। आसपास के लोगों ने बताया कि संबधित फर्जी चिकित्सक रात में ही संपुर्ण क्लिनीक खाली करके भाग गया। यह चिकित्सक ने होटल के पिछे अपना क्लिनीक संचालित कर रहा था। असपास के लोगों ने बताया कि डाक्टर सभी बिमारियों का इलाज ग्यारंटी से करता है, जहां दर्द होता है वहां पर इंजेक्शन लगाता था। छापेमार कार्रवाई के दौरान वहां पुर्व में डाक्टर से ईलाज ले चुके मरिज भी अपनी पिडा बताने आ गए।
संयुक्त टीम में डॉ. जेपीएस ठाकुर, डॉ. नरेंद्र पवैया, धमेन्द्र जैन, डॉ. एनएस गेहलोद, मुकेश मालवीया तथा जगदीश शर्मा शामिल रहे।

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