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करोड़ों की धोखाधड़ी…एक साल छकाने के बाद पुलिस के हत्थे चढ़े दंपत्ती

महाराष्ट्र के एक फार्म हाउस में छिपे बैठे थे ४० हजार के ईनामी फरार पति-पत्नी, मोबाइल लोकेशन के आधार पर मिली पुलिस को सफलता

धारJun 05, 2018 / 09:02 pm

अर्जुन रिछारिया

Seated hidden in a farm house in Maharashtra, Rs 40 thousand prized fugitive spouse

Seated hidden in a farm house in Maharashtra, Rs 40 thousand prized fugitive spouse

धार.
जिले के तीन थानों की पुलिस ने एक साल मशक्कत के बाद करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले दंपत्ती पुलिस के हत्थे चढ़ गए। हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, पंजाब, महाराष्ट्र जहां की जानकारी मिलती गई धार जिले की पुलिस वहां-वहां दबिश देती गई। आखिर ४० हजार के ईनामी बदमाश दंपत्ती महाराष्ट्र के एक फार्म हाउस पर छिपे मिले, जहां दबिश के दौरान गेट पर पुलिस होने के बावजूद वे भागने में सफल रहे। आखिर मोबाइल लोकेशन के आधार पर वे फार्म हाउस पर ठहराने वाले सहायोगी के घर से पकड़ में आ गए।
ये है मामला
एएसपी सचिन शर्मा ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में खुलासा करते हुए बताया कि १० फरवरी २०१७ को सरदारपुर थाने पर एक प्रकरण दर्ज हुआ था, जिसमें फरियादी धीरज पिता शंकरलाल पाटीदार निवासी रिंगनोद ने बताया था कि चेन सिस्टम से आइडी बनाने का झांसा देकर उसके साथ एक दंपत्ती ने लगभग २० लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। पृथ्वी युटिलिटी प्रालि नाम की कंपनी से आइडी बनाने पर ३ हजार रुपए प्रति माह का लालच देकर उज्जैन जिले के फाजलपुर निवासी संजय पिता कृष्णकुमार गोयल व उसकी पत्नी हरप्रीत कौर उर्फ प्रीति पति संजय गोयल ने मप्र के सैकड़ों लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है। फरियादी ने बताया कि गोयल दंपत्ती पृथ्वी युटिलिटी कंपनी में मप्र के प्रमुख अधिकारी हैं। इन्होनें एक आइडी बनाने के लिए १३५०० रुपए लिए, जबकि प्रति माह कम से कम एक नई आइडी जोडऩे पर ३ हजार रुपए का लालच दिया। फरियादी धीरज ने बताया कि इस झांसे में आकर उसने व परिवार के लोगों ने करीब १५० आइडी ली, लेकिन कुछ दिन बाद ही कंपनी ने पैसा देना बंद कर दिया। फरियादी की शिकायत पर पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर अनुराग सिंह चौहान निवासी बड़ोदा(गुजरात) को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, जो अब जेल में बंद है, लेकिन मप्र के हेड दंपत्ती प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही फरार थे।
इनकी रही भूमिका
एसपी बीके सिंह ने एएसपी सचिन शर्मा व रूपेश द्विवेदी के निर्देशन में सरदारपुर, पीथमपुर सेक्टर-१ तथा क्राइम ब्रांच थानों की पुलिस की संयुक्त टीम बनाई। इसमें क्राइम ब्रांच टीआई एसके पांडे, पीथमपुर सेक्टर-१ टीआई संतोष दूधी व सरदारपुर टीआई ब्रजेश मालवीय को शामिल किया गया। टीम प्रभारी पीथमपुर सीएसपी व सरदारपुर एसडीओपी को बनाया गया। टीम में क्राइम ब्रांच एसआई धीरज सिंह राठौर, सरदारपुर एसआई सीताराम उपाध्याय, पीथमपुर सेक्टर-१ एसआई चांदनी सिंघार, सायबर सेल से सर्वेश सिंह चोलंकी के अलावा तीनों थानों के कुछ जवान शामिल किए गए।
भाई-भाभी कर रहे थे मदद
क्राइम ब्रांच टीआई पांडे ने बताा कि जांच के दौरान आरोपित संजय गोयल अपने भाई राजीव तथा भाभी तनुजा के संपर्क में थे। पुलिस जब-जब भी पूछताछ करती ये लोग पूरी जानकारी आरोपितों को दे देते थे। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आने पर पुलिस ने पहले इन्हें आरोपित बनाया, जिनके खिलाफ बदमाशों को संरक्षण देने की धाराओं में प्रकरण दर्ज यिका गया। इससे बदमाश दंपत्ती का संपर्क टूट गया। पकड़े गए भाई-भाभी से पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि गोविंद पिता अमर सिंह सोलंकी निवासी छड़ावद जिला धार इनकी मदद कर रहा है, जिसने बदमाशों को महाराष्ट्र के रायगढ़ में अपने किसी परिचित के फार्म हाउस पर इन्हें संरक्षण दे रखा है। पुलिस ने इसे भी आरोपित बनाया, जो दंपत्ती के साथ पुलिस गिरफ्त में है।
गेट पर दिया चकमा
सेक्टर-१ की एसआई चांदनी ने बताया कि जब पुलिस फार्म हाउस पहुंची तो गेट कीपर ने उन्हें गेट पर ही उलझाए रखा, जिस दौरान भनक लगते ही गोयल दंपत्ती सामान वहीं छोड़ वहां से फरार हो गए। हालांकि एक मोबाइल वे साथ ले गए, जिसकी लोकेशन से पुलिस ने उन्हें गोविंद के घर से धरदबोचा। साथ ही गोविंद भी पुलिस की पकड़ में आ गया। बता रहे हैं कि अब तक जो लोग सामने आए उनके हिसाब से दंपत्ती ने करीब ३ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है, जबकि अंदरखाने में चर्चा है कि यह रकम ५ करोड़ रुपए तक जाएगी।

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