यात्रियों की जान के साथ टनल का काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पक्की सुरक्षा
यात्रियों की जान के साथ टनल का काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पक्की सुरक्षा
यात्रियों की जान के साथ टनल का काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पक्की सुरक्षा
– टनल में लगे है वेंंटीलेटर, जिनसे 50 हार्स पवार से खीची जा रही है हवा, सुरक्षित मजदूर
सर्वज्ञ पुरोहित
पत्रिका लगातार
धार.
जिस तरह से लगातार 24 घंटे रेल की सुरंग बनाने का कार्य चल रहा है। उससे लगता है कि आगामी दो वर्षों में पूरी सुरंग बन जाएगी। लगभग रोजाना जेसीबी मशीन 6 से 7 मीटर की चट्टानों को तोड़कर रेल का रास्ता बना रही है। इस कार्य में लगभग रोजाना 150 कर्मचारी तीन शिफ्ट में सुरंग बनाने में लगे हुए है। इनकी सुरक्षा के लिए जेसीबी मशीन के पास ही एक वेंटिलेटर लगाया है, जो 50 हार्स पवार की ताकत से सुरंग के बाहर से शुद्ध हवा खींचकर खुदाई स्थल पर पहुंचा रहा है और वापसी में इसी गति से खुदाई स्थल पर निकलने वाली धुल और प्राकृतिक गैस को खींचकर सुरंग के बाहर फेंक रही है। इससे कर्मचारी पूर्णत हाईवेलेटेज हैलेजन लाईट में सुरक्षित होकर काम कर रहे है।
सुरंग लगभग १२ से १८ मीटर जमीन के नीचे बनाई जा रही है। जो कि पूर्ण रूप से भूंकप और वाटर प्रूफ रहेगी। इसमें हर 50 मीटर पर एक वेटिलेशन ऊपर की ओर दिया गया है ताकि जब धार-इंदौर के बीच रेल परिवहन शुरू होगा तो इन्हें जरोको से शुध्द हवा सुरंग में जाएगी और यात्रीगण अपनी जान से सुरक्षित रह सकेंगे।
पानी खींचकर फेंक रहे है
सुरंग के बाहर संजय जलाशय पूरा पानी से भरा हुआ है, लेकिन उसका ऊपर जलस्तर सुरंग के नीचले स्तर से काफी नीचे है। इसका इस तालाब का पानी सुरंग में नहीं पहुंच पा रहा है, लेकिन पूरे पीथमपुर शहर सहित जमीन का पानी सुरंग में कार्य करने के दौरान निकल रहा है। जिसे मोटर द्वारा हाई स्पीड खींचकर सुरंग के धार वाले सिरे के बाहर फैंका जा रहा है। सुरंग के ठीक ऊपर लगभग ३० से अधिक मकान मुआवजा देकर हटा दिए गए है।
दो का समय लगेगा
गुणावद से धार तक का अर्थवर्क अगले साल फरवरी-मार्च से शुरू हो जाएगा, जो कि बारिश शुरू होने तक चलेगा। इसके बाद शेष कार्य अक्टूबर से शुरू होकर जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। इसी अवधि के दौरान पीथमपुर से गुणावद तक रेलवे स्लीपर गिट्टी के साथ फिक्स किए जा सकते है ताकि सुरंग बनने के साथ-साथ धार-इंदौर के बीच पटरियां बिछ जाए जिसमें संभवत दो वर्ष का समय लगेगा।
ढ़ाई साल में शुरू हो जाएगी रेल परिवहन सेवा
जिस गति से सुरंग का कार्य पूर्ण करने में रेलवे अधिकारियों की इच्छा शक्ति दिख रही है उससे लगता है कि धार-इंदौर के बीच रेल परिवहन दो से ढाई साल के अंदर शुरू हो जाएगा।क्योंकि रेल परियोजना की पूरी सफलता इसी ट्रनल पर निर्भर है, जो एक वर्ष पूर्व असंभव लग रही थी।
-डॉ दीपक नाहर, पूर्व संयोजक एवं प्रवक्ता, रेल लाओ समिति, धार
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