नगर में अभी खुले नए तीन से चार नर्सिंग होम के दलाल दिन भर अस्तपाल में घूमते है और गरीब परिजनों को परेशान करते है। दरअसल भर्ती मरीज को ये लोग कईदिनों तक भर्ती रखते है। परेशान होकर गरीब परिजन कर्जा लेकर निजी अस्पतालों में हजारों रुपए फीस देकर इलाज करा रहे है। पूरा मामला कलेक्टर डा पंकज जैन तक पहुंचा। उन्होंने अस्पताल की नब्ज जानने के लिए मंगलवार को दौरा किया तो परिजनों ने लालची डाक्टरों की पोल खोल दी। नाराज कलेक्टर ने इन लोगों की क्लास ली और कहा कि आईंदा से कोई मरीज को निजी में ले गए तो भरपाई भी उसी सरकारी डाक्टर को करना पडेगी जो इन्हें मजबूर करके वहां ले गया होगा।
ये था मामला ग्राम ढुकनीखालसा के गोलू को जिला अस्पताल में परिजन दो दिन पहले लेकर आए थे। गोलू को हाथ में फै्रक्चर था लेकिन उसका आपरेशन नहीं किया जा रहा था। इस बीच गोलू के रिश्तेदार राकेश खडा को निजी अस्पताल के दलाल का फोन आया। दलाल ने कहा कि लीलावती अस्पताल में डाक्टर आपरेशन कर देंगे। राकेश ने बताया कि डा छत्रपाल ने भी फोन पर बात करते हुए लीलावती अस्पताल फोरलेन ले जाने की बात कही। इसके पूर्व भी जिला अस्पताल के गरीब मरीजों को गुमराह कर दलाल निजी में भर्ती करा चुकेहै। राकेश ने बताया कि लीलावती में 18 हजार रुपए खर्च बताया। बाद में किसी अन्य दलाल से संपर्क होने पर परिजन तिरूपति अस्पताल ले गए। बाद में परिजन जन सुनवाई में पहुंचे। कलेक्टर ने निजी अस्पताल ले जाने वाले डाक्टर छत्रपाल को नोटिस दिया है। डा छत्रपाल का कहना है कि परिजनों ने ही निजी अस्पताल का पूछा तो मैंने बता दिया। मुझे नहीं पता था कि वह रिकार्डिंग कर लेंगे। नोटिस का जवाब दे रहा हूं।