न कंप्यूटर मिला न सचिव, भाड़े पर दिया पंचायत भवन
मौके पर पहुंचे जांचकर्ता अधिकारी लीपापोती के लिए दे गए तीन दिन का समय
धार/लेबड़. नालछा जनपद की चंबल बरोदा ग्राम पंचायत के हाल बेहाल हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि दो साल से पंचायत भवन में कोई सभा नहीं हुई, वहीं इस भवन में एक कक्ष सीमेंट भरने के लिए किसी को किराए पर दे दिया था। कलेक्टर को शिकायत हुई, जांच दल बना और मंगलवार को दल ने गांव पहुंंचकर जांच भी की। पंचायत भवन में कंप्यूटर नहीं मिलने पर जांचकर्ता अधिकारियों ने पंचनामा बनाया, लेकिन सचिव व सरपंच के नहीं आने पर उन्होंने शुक्रवार तक की मोहलत दे दी। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच ज्यादा कुछ समझता नहीं है, लेकिन गांव के हुकुम सिंह राजपूत पूरी पंचायत के फैसले करते हैं। शिकायतकर्ता बाबू सिंह सोलंकी ने पंचायत द्वारा करवाए जा रहे कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं। मंगलवार को हुई जांच पर संशय जताते हुए बाबू सिंह ने कलेक्टर से मांग की है कि किसी वरिष्ठ अधिकारी से यहां की जांच करवाई जाए, जिससे हकीकत सामने आ सके।
क्या कहते हैं सचिव : पत्रिका ने जब पंचायत सचिव शैलेंद्र त्रिपाठी से चर्चा की तो वे सहज जवाब नहीं दे पाए। कंप्यूटर के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि पंचायत में ही रखा है, लेकिन अधिकारियों को नजर नहीं आया। पंचायत भवन में सीमेंट रखे जाने की बात पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत दिग्ठान रोड का काम चल रहा है। सड़क योजना के अधिकारी उनके परिचित हैं, जिनके कहने पर पंचायत भवन में सीमेंट रखवा दी थी। भ्रष्टाचार के मामले को वे टाल गए, जबकि सरपंच के नाम पर सचिव ने बताया कि सरपंच प्रतिनिधि हुकुम सिंह जो उन्हें कह देते हैं वैसा काम होता है।
न दस्तावेज मिले न सचिव
मंगलवार को गांव पहुंचे नालछा जनपद के सहायक यंत्री अरविंद पाटीदार को पंचायत में न तो रिकॉर्ड मिला और न ही वहां सचिव या सरपंच मौजूद थे। कॉल करने के बावजूद जब वे नहीं आए तो जांचकर्ता अधिकारी उन्हें शुक्रवार तक का समय दे कर लौट आए। पाटीदार का कहना था कि शुक्रवार को उन्हें दस्तावेज के साथ प्रस्तुत होने का निर्देश दिया गया।
‘शिकायत तो थी और जांच अधिकारियों को भेजा था। आगे क्या हुआ पता करता हूं और निष्पक्ष जांच के बाद प्रतिवेदन पर संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।’
आरके चौधरी, सीईओ, जिला पंचायत
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