पीके पाराशर, एसडीओ, सरदारपुर कुक्षी मनावर गंधवानी उमरबन वन परिक्षेत्र
6 फरवरी- मानपुर रेंज के उंडवा वनक्षेत्र में दो वर्षीय माता तेंदुए का शव मिला। मौत का कारण टेरेटरी विवाद बताया गया।
18 फरवरी- मानपुर रेंज की सबरेंज काली किराए में फोरलेन के पास जंगल दो वर्षीय माता तेंदुए का शव मिला। मौत का कारण सड़क दुर्घटना बताया गया।
23 फरवरी- मानपुर रेंज के जानापाव के पास 6-7 वर्षीय नर तेंदुए का शव मिला। खाल और नाखून गायब थे। जांच जारी है।
9 मार्च – चोरल रेंज की बाइग्राम बीट के पास 9 मार्च को खेत के कुएं में तेंदुए का शव ग्रामीणों ने देखा। चोरल रेंजर के अनुसार तीन दिन पहले तेंदुआ अंधरे में कुंए में गिरा होगा, जिससे मौत हुई।
2 अपै्रल- नेशनल हाइवे-3 भेरूघाट स्थित भैरव मंदिर के पास नर तेंदुए शव मिला। अफसरों के अनुसार तेंदुए की मौत अज्ञात वाहन की टक्कर से हुई।
चोरल-मानपुर रेंज में सबसे ज्यादा तेेंदुए
इं दौर वन मंडल के चोरल-महू-मानपुर रेंज में 25 से 30 तेंदुओं का मूममेंट है, लेकिन पिछले दो माह में पांच तेंदुओं की मौत ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है। जंगल की सुरक्षा करने वाले खानापूर्ति कर रहे है, जिसका नतीजा तेंदुओं की 5 मौतों के रूप में सामने आया है। अब व अफसर तेंदुओं की हिफाजत के लिए अहम कदम उठा रहे है। 23 फरवरी को जानापाव में 6-7 वर्षीय नर तेंदुआ मृत हालत में मिला था। तेंदुए के नाखून और खाल का एक हिस्सा गायब था। इस मामले में अफसरों ने एक मंदिर के पुजारी और युवक को आरोपी बनाया था। पुजारी के पास से चार नाखून भी जब्त किए गए थे, लेकिन खाल का आज तक पता नहीं चला है। तेंदुए की मौत की गुत्थी आज तक नहीं सुलझी है।
इन जंगलों में हिंसक वन्य प्राणियों के लिए शिकार का कोई प्रबंध नहीं रहा है जितने भी अहिंसक जानवर जंगलों में पलते थे उन्हें इन पहाड़ी ग्राम के लोगों ने शिकार कर कर के खत्म कर दिया है। अब वन्य प्राणियों को अपनी भूख मिटाने के लिए शिकार हेतु कोई अहिंसक जानवर नहीं मिल रहे है जिससे आबादी की ओर रुख कर रहे हैं।
नरेंद्र पांडवा, डीएफओ, इंदौर वन मंडल महू-मानपुर रेंज में सबसे ज्यादा जल संरचनाएं है। यहां प्राणियों के लिए पानी दिक्कत नहीं है। तेंदुए अक्सर शिकार के लिए जंगल से लगे ग्रामीण अंचलों तक पहुंच जाते है।
कैलाश जोशी, एसडीओ, महू