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जान जोखिम में डाल कुओं के तल से खींच रहे पानी

wateरोहिणी में सूर्य का रौद्र रूप चरम पर हैंडपंप बंद होने पर जोखिम भरे कुओं से बुुझा रहे प्यास

धारJun 02, 2019 / 12:14 am

amit mandloi

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jal sankat

गोविंद सोलंकी
मनावर. रोहिणी के चलते सूर्य का रौद्र रूप चरम पर है। गर्मी ने समूचे अंचल को झकझोर दिया है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की विकट स्थिति खड़ी हो गई है। अंचलों में हेडपंपों ने साथ छोड़ दिया तो ग्रामीण दूरदराज खेतों के कुओं से अपने व पशुओं के पानी की जुगाड़ में लगे हैं। ग्राम देदला में एकमात्र कुएं पर सुबह से लोगों को लगाना पड़ती है, क्योंकि समय पर नहीं पहुंचे तो कुएं में पानी खत्म हो जाता है। वैसे इस कुएं में दो नलकूपों से पानी मोटर पंप के द्वारा लाकर कुएं में संग्रह किया जाता है।
बताते हैं कि ग्राम में कृषक परिवार तो अपने-अपने खेत के कुओं से लाइनें डालकर पानी की व्यवस्था कर ली, लेकिन ग्राम के अधिकांश लोग जिनके पास निजी संसाधन नहीं है उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम देदला की 53 लाख की पेयजल योजना जो देवला ग्राम से देदला तक बिछाई गई, लेकिन लाइन में पानी नहीं आ रहा है।
इसको लेकर कई बार ग्रामीण पीएचई विभाग से शिकायत कर चुके हैं। इस मामले में ग्राम देदला के सरपंच छोटू सिंह का कहना है कि पीएचई विभाग की पेयजल योजना प्रारंभ से ही असफल हो गई है। विभाग ने 3 इंची पाइप लाइन डाली, जिससे पानी गांव तक नहीं आ रहा है। इस संदर्भ में विभाग को कई दफाअवगत करवाया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। विवश होकर पंचायत को उक्त योजना का बिजली कनेक्शन कटवाना पड़ा।
चौथे दिन सप्लाय
पेयजल संकट ग्रस्त अंचलों में सुबह शाम पानी की जुगाड़ में लोगों को भटकना पड़ रहा है। ग्राम बोरुद के नलों में चौथे पांचवें दिन पानी आ रहा है। वह भी अपर्याप्त। इसी तरह ग्राम बनेडिय़ा में पेयजल को लेकर ग्रामीण परेशान है। हैंडपंप बंद हो चुके हैं तथा दूरदराज के जलस्रोतों से पानी की जुगाड़ ग्रामीणों को करना पड़ रही है। इसी तरह ग्राम पंचायत दसवीं के मजरा भूरीबयडी में पेयजल जल की भयावह स्थिति है। महिलाओं वह बच्चों को जान जोखिम में डालकर ऐसे कुओं से पेयजल अपने व मवेशियों के लिए जुगाड़ करनी होती है जहां जरा सी चूक पर जान भी जा सकती है। कुएं से पानी बाल्टी द्वारा पानी खींच कर मवेशियों को पिलाना यहां के ग्रामीणों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी है। अपने व पशुओं के कंठ तर करने के लिए ग्रामीणों को जूझना पड़ रहा है।
फ्लोराइड ग्रस्त जाजमखेड़ी
जाजम खेड़ी जो फ्लोराइड ग्रस्त ग्राम है। यहां हर नलकूप में फ्लोराइड है। इसका खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं। ग्राम के लोगों इसके पीने से दांत खराब हो गए तथा कम उम्र में लोगों की हड्डियों पर दुष्प्रभाव देखा जा रहा है। पीएचई विभाग ने फ्लोराइड मुक्त पानी के लिए फिल्टर प्लांट लगाया है, जिससे ग्रामीणों को 2.50 रुपए में 15 लीटर पानी उपलब्ध होता है।
कई ग्रामीण नलकूप से सप्लाई किया जाने वाला फ्लोराइड युक्त पानी पीने के उपयोग में ले रहे हैं। इस मामले में जनजागृति के अभाव में लोग फ्लोराइड के दुष्प्रभाव के शिकार हो रहे हैं।

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