श्रीराम मंदिर को बिजली की रोशनी से जगमग किया
धारPublished: Mar 31, 2020 10:16:17 pm
रामनवमी : आदिकाल की 254 वर्ष पुरानी परंपरा पर कोरोना का पहरा
मांडू के विश्व प्रसिद्ध श्री राम मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया।
मांडू. चैत्र नवरात्र और श्रीराम जन्मोत्सव को लेकर मांडू के विश्व प्रसिद्ध श्री राम मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया।
दैनिक पारंपरिक कार्यक्रम भी जारी है और भक्तों के अनुपस्थिति ने इस धार्मिक आयोजन के आनंद को कम कर दिया। आदिकाल से चली आ रही इस परंपरा को लेकर पिछले 254 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब बिना श्रद्धालुओं के यहां श्रीराम जन्मोत्सव मनेगा। देश में चार हाथ वाले रामजी का एकमात्र मंदिर मांडू में होने के कारण प्रतिवर्ष यहां हजारों लोग रामनवमी पर प्रभु के दर्शन के लिए आते हैं। भंडारा भी होता है और भजन कीर्तन के साथ बड़े स्तर पर प्रभु श्रीराम का जन्म उत्सव मनाया जाता है। इस बार कोरोना के साए के चलते सभी आयोजन तो समयानुसार हो रहे। परंतु स्थानीय नागरिकों एवं किसी भी श्रद्धालुओं को प्रशासनिक निर्देशों के चलते मंदिर में इन धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं है। लोग ट्रस्ट में फोन लगा कर पूछ रहे हैं। प्रदेश के अलावा अन्य प्रांतों से भी फोन आ रहे हैं, जो आयोजन की स्थिति पूछ रहे हैं और स्वयं के ना पहुंचने पर क्या प्रभु के दर्शन श्रीराम नवमी पर ऑनलाइन होंगे। आरती पूजा की स्थिति क्या होगी इसकी जानकारी ले रहे हैं। इधर यहां रामनवमी पर लगने वाला मेला भी नगर परिषद ने स्थगित कर दिया है। पत्रिका से चर्चा करते मांडू पीठाधीश्वर डॉ नरसिंहदास महाराज ने बताया कि हमारे लिए बेहद दुख की घड़ी है, जब प्रभु का जन्मोत्सव बिना श्रद्धालुओं के मनेगा। इसके लिए ट्रस्ट वर्षभर तैयारी करता है। भक्तों के बिना भगवान भी अधूरा है। उन्होंने कहा कि नवरात्र में नित्य अभिषेक के बाद रामरक्षा स्तोत्र मंत्र और शाम को परंपरागत आयोजन जारी है। श्रीराम जन्मोत्सव के दिन सुबह प्रभु के दिव्य दर्शन के बाद अभिषेक के साथ आकर्षक शृंगार किया जाएगा। इसके बाद पूजा होगी अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजे प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव होगा। इसके बाद पिछले 9 दिनों से यहां जो पुजारी गाना सेवाएं दे रहे हैं, उनका सम्मान होगा। कोरोना महामारी से निपटने के लिए यहां एक विशेष यज्ञ भी नवरात्र के नौ दिनों तक चल रहा है उसकी भी पूर्णाहुति होगी।