कहां है खतरा नदी के पुल डूबने का, क्यों चिंतित हैं ग्रामीण
धारPublished: Sep 07, 2018 01:10:22 pm
– दोपहर 12 बजे तक नर्मदा का जलस्तर 125 मीटर पर पहुंचा
कहां है खतरा नदी के पुल डूबने का, क्यों चिंतित हैं ग्रामीण
निसरपुर.
नर्मदा नदी का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। इससे निसरपुर समेत डूब क्षेत्र के नजदीकी गांवों में पानी भरने की आशंका बढ़ रही है। यहां बाघनी नदी का पुल नर्मदा के बेक वाटर लेबल के कारण डूबने की कगार पर आ गया है। इस पुल से भी आवागमन जानलेवा साबित हो सकता है। दोपहर 12 बजे तक नर्मदा का औसत जलस्तर 125 मीटर तक पहुंच गया है। जबकि खतरे का निशान १२७ निर्धारित किया हुआ है। उधर, प्रशासन ने राजघाट के पुल से चार पहिया वाहनों का आवागमन रोक दिया है। पुल के दोनों और बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। पुल के दोनों ओर मंगलवार रात को जेसीबी से खुदाई करने का ग्रामीणों ने विरोध कर काम रुकवा दिया था। वहीं ग्रामीण पुनर्वास की मांग को लेकर पिछले एक महीने से लगातार क्रमिक अनशन कर रहे हैं। अपनी मांगों को मनवाने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। सरकार द्वारा वादे पूरे नहीं किए जाने से डूब प्रभावित ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। मुआवजा वितरण में भी प्रशासन पर अनदेखी और मनमानी के आरोप लग रहे हैं।
तेजी से बढ़ रहे पानी से निसरपुर में भराने की आशंका
ग्रामीणों ने बताया कि नर्मदा नदी में तेजी से जलस्तर में बढ़ोतरी होने के कारण गांव में नर्मदा का पानी भरने की आशंका है। इधर, गांव में पानी भरने की आशंका के चलते ग्रामीणों को आपदा प्रबंधन के लिए अब भी इंतजार है। प्रशासन की ओर से अब तक यहां कोई विशेष बंदोबस्त नजर नहीं आ रहे हैं। केवल राजघाट पुल से आवागमन रोकने की कार्रवाई के अलावा कोई खास पहल अब तक सामने नहीं आई है। धार में पिछले दिनों कलेक्टर दीपकसिंह ने अधिकारियों की बैठक लेकर डूब प्रभावित गांवों में आपदा प्रबंधन को लेकर तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं।
फोटो-०७०४ बाघनी नदी का पुल पर भी जल्द पानी आने की संभावना जताई जा रही है।