मासूम के साथ दरिंदगी, फांसी जरूरी
अल्पसंख्यकों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
धार.
जिसकी उम्र अभी खेलने, कूदने के साथ पढ़ाई करने की उसके साथ दरिंदगी इस्लाम में भी मॉफ नहीं। ऐसे दरिंदों को दोजख में भी जगह नहीं मिलती। ऐसे दरिंदों को सरेआम फांसी होना चाहिए, जिससे ऐसी हरकत करने से पहले दरिंदों की रूह कांप उठे।
शहर के अल्पसंख्यक वर्ग ने शनिवार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर मंदसौर में हुई घटना की कड़ी भत्र्सना की और दोनों आरोपितों को फांसी की मांग की। बता दें कि 26 जून में मंदसौर में 7 साल की एक मासूम के साथ दो आरोपितों ने दुष्कर्म कर उसे मारने का प्रयास किया था। इसके बाद न केवल मंदसौर बल्कि पूरे देश व प्रदेश में इस घटना की निंदा हो रही है। इस घटना के विरोध में हर वर्ग खुलकर सामने आया और आरोपितों को फांसी देने की मांग की। मंदसौर में अल्पसंख्यकों ने पहले ही उन दरिंदों को पनाह देने से इंकार करते हुए कब्र तक मुहैया कराने से मना कर दिया, जबकि शनिवार को धार शहर के अल्पसंख्यक वर्ग ने भी इसका समर्थन किया।