अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक शरद कुमार पुरोहित ने बताया कि 24 मार्च 2016 को पीडि़ता अपनी बड़ी बहन के घर होली मिलने के लिए गई थी, लेकिन उसकी बहन रिश्तेदारी में बाहर गई हुई थी। बहन का पति आरोपी पप्पू पिता शिवा घर पर ही था। शाम 5 बजे तक पीडि़ता आरोपी के घर रुकी। इस दौरान पप्पू ने पीडि़ता के साथ डरा-धमकाकर बलात्कार किया। घटना के बाद पीडि़ता अपने घर आ गई और डर के मारे घटना के बारे में घर वालों को नहीं बताया। घटना के कुछ दिन बाद आरोपी 2 अप्रैल 2016 को पीडि़ता के घर के सामने आया और उसको गालियां देते हुए साथ चलने के लिए कहा। आरोपी ने पीडि़ता को धमकी दी कि उसके साथ नहीं चली तो जान से मार देगा। इसके बाद पीडि़ता ने दुष्कर्म के बारे में अपनी बहन व परिजनों को बताया।
पीडि़ता ने थाना धामनोद जाकर आरोपी के विरुद्ध धारा 376, 506, 294 भादस में अपराध दर्ज कराया। धामनोद पुलिस ने अनुसंधान कर प्रकरण विचारण के लिए धरमपुरी न्यायालय में प्रस्तुत किया। प्रकरण का विचारण अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धरमपुरी राजेश नंदेश्वर के न्यायालय में चला। प्रकरण में अभियोजन की ओर से 8 गवाहों को न्यायालय में परीक्षण कराया गया। पीडि़ता के कथन व अन्य साक्षीगण के कथनों के आधार पर पुष्टि पाते हुए आरोपी पप्पू (30) पिता शिवा निवासी ग्राम पलासिया थाना धामनोद को अपराध धारा 506 में 2 वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया व अपराध धारा 376 में 10 वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। प्रतिकर स्वरूप जुर्माना राशि दस हजार रुपए अपील अवधि के बाद पीडि़ता को दिए जाने का आदेश दिए। सजा के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया।