इसके साथ ही इस दौरान निरीक्षण अमले द्वारा मुख्य बाजारों में दुकानों पर बाल विवाह रोको अभियान के पोस्टर भी चस्पा किए गए। निरीक्षण एवं जांच दल में महिला एवं बाल विकास अधिकारी आरएस बघेल, बाल संप्रेक्षण गृह अधीक्षक छगनसिंह बामनिया, कम्प्यूटर ऑपरेटर ओमप्रकाश वर्मा, पुलिस विभाग से एएसआई अनिता तोमर, महिला आरक्षक बसंती मोर्य, सारा सेवा संस्था से निदेशक जिम्मी निर्मल, बाल अधिकार मंच से रामप्रसाद वर्मा, बचपन बचाओ आंदोलन से दौलत गोलानी, चाइल्ड लाइन से रवि सिंगाडिय़ा, राहुल चावड़ा, अनिता डामोर आदि ने बुधवार को दोपहर डेढ बजे स्थानीय विजय स्तंभ तिराहे से निरीक्षण करना प्रारंभ किया। यहां कुछ चाय-नाश्ते की ठेलागाडिय़ों एवं फ्रूट ज्यूस की दुकानों पर बााल श्रमिक कार्य कर रहे थे, जिनसे उनकी उम्र की जानकारी ली गई। साथ ही दल ने उनसे पूछा कि वह पढऩे-लिखने जाते है या नहीं। इनसे काम लेने वाले संचालकों (मालिकों) को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि आप दुकानों पर बाल श्रमिक से कार्य ना लें, यह कानूनन अपराध है, इसके लिए आपको भारी अर्थदंड के साथ जेल भी जाना पड़ सकता है।
मुख्य बाजारों में दिखे कई कम उम्र के दुल्हा-दुल्हन मुख्य बाजारों में निरीक्षण दल की जांच के दौरान कई ऐसे दुल्हा-दुल्हन भी अपने परिवारजन एवं ग्रामवासियों के साथ घूम रहे थे, जिसमें लडक़े की उम्र 21 वर्ष से कम एवं लडक़ी की उम्र 18 वर्ष से कम थी। अमले ने दुल्हा-दूल्हन को शासन द्वारा निर्धारित लडक़े की उम्र 21 वर्ष एवं लडक़ी की उम्र 18 वर्ष के नियम की जानकारी देते हुए कहा कि यदि आप सरकार द्वारा निर्धारित कम उम्र में शादी करते है, तो आप पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है, यहां तक की परिवार वालों को जेल भी जाना पड़ सकता है। समझाइश के बाद ऐसे दुल्हा-दूल्हन के परिवार वालों ने अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि वे इसका आवश्यक रूप से ध्यान देंगे एवं कम उम्र में अपने लडक़े-लड़कियों की शादी नहीं करवाएंगे।
रजिस्टर में नाम दर्ज किए प्रशासनिक अमले ने इस दौरान होटलों, रेस्टोरेंटों पर कार्य कर रहे बाल श्रमिकों के नाम रजिस्टर में दर्ज करने के साथ ही कम उम्र में विवाह कर रहे दुल्हा-दुल्हन के भी नाम रजिस्टर में दर्ज किए। साथ ही उनके गांव एवं बारात ले जाने के स्थान के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण अमले की यह कार्रवाई मुख्य बाजारों में करीब 3-4 घंटे तक चली। इसके साथ ही निरीक्षण दल द्वारा ग्रामीण शादियों के दौरान जिन दुकानों से सामग्री अधिक खरीदते हैं, जिसमें आभूषणों, कपड़ों, श्रृंगार सामग्रियों, बर्तनों, फुट-वेयर की दुकानों पर पहुंचकर यहां खरीदी के लिए आने वाले ग्रामीणजनों को भी समझाइश दी कि वे अपने घर-परिवार, गांव में बाल विवाह ना होने दे। साथ ही दुकानो ंपर उक्ताशय के पोस्टर भी चस्पा किए गए। महिला एवं बाल विकास अधिकारी आरएस बघेल ने बताया कि आगामी दिनों में भी यह कार्रवाई जारी रखी जाएगी।