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खतरे का अहसास…हर पल बच्चों पर रखना पड़ती है नजर

नागदा से गुजरी तक खतरा ही खतरा, हैवी गाडिय़ों के कारण दहशत में एक दर्जन से अधिक गांव, बना रहता है दुर्घटना का अंदेशा

धारAug 18, 2018 / 11:08 am

amit mandloi

Technical fault

खतरे का अहसास…हर पल बच्चों पर रखना पड़ती है नजर

पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट
धार.
नागदा-गुजरी मार्ग को बने साल भर होने आया, लेकिन इससे सुविधा कम खतरा ज्यादा बढ़ गया है। सडक़ किनारे के करीब दो दर्जन से अधिक गांव हर पल दुर्घटना की दहशत में जी रहे हैं। हैवी गाडिय़ों की आवाजाही से लोगों को पल-पल बच्चों पर नजर रखना पड़ती है। महू-नयागांव को एबी रोड से मिलाने के लिए एमपीआरडीसी ने नया टोल फ्री मार्ग तो बना दिया, लेकिन संकेतकों के अभाव और तकनिकी खामियों के कारण अब यह मार्ग हादसों भरा हो गया है। आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं के बावजूद निर्माण एजेंसी एमपीआरडीसी के अफसर इस पर ध्यान नहीं दे रहे, जिससे दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है। दुर्घटनाएं रोकने के लिए एमपीआरडीसी के पास विकल्प के रूप में लेबड़-मानपुर मार्ग है, जिस पर सडक़ किनारे गांव की ऐसी स्थिति नहीं है। इस मार्ग की एजेंसी भी एमपीआरडीसी ही है।
यूं बना रहता है खौफ
नागदा चौपाटी से शुरू होने वाले इस मार्ग पर लगभग दो दर्जन ऐसे गांव है, जो सडक़ के किनारे बसे हैं। घर से बाहर निकलते ही भारी वाहनों की आवाजाही जहन में दहशत पैदा कर रही है, तो रात भर चलने वाला भारी वाहनों का कारवां लोगों की नींद भी खराब कर रहा है।
ये गांव है दहशत में
1. कलसाड़ा-
लगभग 2 हजार की आबादी वाला कलसाड़ा गांव नागदा-गुजरी सडक़ के दोनों ओर बसा हुआ है। घर मुहाने सडक़ होने के कारण लोगों में दुर्घटना की दहशत बनी रहती है।
2. पिपलिया, कनावल-
सडक़ के दोनों छोर पर बसे पिपलिया और कनावल गांव में लगभग ६८० घर हैं, जिनमें २ हजार से अधिक आबादी है।
3. तीसगांव-
करीब 1500 की आबादी वाला तीसगांव का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आसपास के २९ गांव पर सबसे बड़ा सरकारी दवाखाना है। यहां प्रतिदिन सैकड़ों मरीज आते हैं, जो सडक़ से गुजरने वाले भारी वाहनों की दहशत में हैं।
4. अनारद-
यह क्षेत्र ऐसा गांव है, जहां से कई रास्ते फूटते हैं। जंक्शन वाले इस गांव से सादलपुर, सकतली, बालोदा, तिवड़ी आदि गांव के रास्ते फूटते हैं, जिससे यहां ग्रामीण वाहनों की आवाजाही रहती है। नागदा-गुजसरी से गुजरने वाले भारी वाहनों से ग्रामीण वाहनों के उलझने का भय बना रहता है।
इसी प्रकार नागदा-गुजरी मार्ग पर सडक़ किनारे मलगांव, उमरिया, तोरनोद, नौगांव, धार, देलमी, धरावरा, देदला, तलवाड़ा, बगड़ी, लुन्हेरा, सराय, भारूड़पुरा चौकी, उतावली, जहांगीरपुरा, परसपुरा तथा सिमराली गांव हैं, जहां से गुजरने वाले भारी वाहनों के कारण खौफ कायम है।
अभी व्यस्त हूं
आप जो समस्या बता रहे हो मेरी जानकारी में नहीं। अभी व्यस्त हूं बाद में बात करती हूं।
-पूनम कछवाहा, डिविजनल मैनेजर, एमपीआरडीसी

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