आपदाएं दो प्रकार की होती हैं-अग्रवाल
आपदाएं दो प्रकार की होती हैं-अग्रवाल
आपदाएं दो प्रकार की होती हैं-अग्रवाल
– इंटरनेशनल डे फॉर नेचुरल डिजास्टर रिडक्शन पर आयोजित कार्यक्रम संपन्न
धार.
अचानक होने वाली ऐसी विनाशकारी घटना जिससे व्यापक स्तर पर उस क्षेत्र के जीवधारियों की जानमाल की क्षति होती है। यह आपदा कहलाती है। यह विचार बहुत जागरूक महिला मंडल सोसाइटी की मीना अग्रवाल द्वारा बनियावाड़ी ढोलकुवा राम मंदिर में आयोजित प्राकृतिक आपदाओं में कमी के लिए इंटरनेशनल डे फॉर नेचुरल डिजास्टर रिडक्शन पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए गए। तेज आंधी के कारण पेड़ों का गिरना , बिजली के खंभों व तार का गिरना आदि कई संकट आकर घेर लेते हैं। यही संकट जब व्यापक रूप ले लेते हैं तब यह आपदा बन जाते हैं। आपदाएं दो प्रकार की होती हैं प्राकृतिक आपदा व मानव जनित आपदा। प्राकृतिक आपदाओं में भूकंप, ज्वालामुखी, भूस्खलन, बाढ़, सूखा, वनों में आग लगना , शीतलहर, समुद्री तूफान, तापलहर, सुनामी, आकाशीय बिजली का गिरना, बादलों का फटना आदि आते हैं। इसी प्रकार मानव जनित आपदाओं में बम का विस्फोट, नाभिकीय रिएक्टर संयंत्रों से रेडियो एक्टिव रिसाव, रासायनिक कारखानों से जहरीली गैसों का रिसाव, मानव जनित भूस्खलन, मिट्टी का कटाव, जनसंख्या विस्फोट, भीषण रेल वायुयान दुर्घटनाएं, आग लगना, महामारी आदि आते हैं। आपदाओं को सदैव मानव के साथ जोड़कर देखा जाता है। इसकी तीव्रता का आंकलन उनके द्वारा की गई जन-धन की क्षति के आधार पर किया जाता है द्य कार्यक्रम में गर्ग, अर्चना महंत, मुक्ता अग्रवाल, मीना डोड, रीना घाट वाला, रेखा सेनापति, पुष्पा अग्रवाल आदि कई महिलाएं मौजूद थी। इसके बाद सभी आपदाओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
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