ढाई साल पहले ढाई लाख रुपए खर्च किए थे, काम नहीं आया तो तोड़ रहे शौचालय
रसोई घर बड़ा करने के लिए हो रहा बड़ा खर्च, कलेक्टर के कहने पर जिला अस्पताल की सफाई का काम पूरा, जोड़-तोड़ शुरू
धार.
अस्पताल का दोरा कर तत्कालीन कलेक्टर श्रीमन शुक्ला ने मरीजों के बैठने और उनके शौच का इंतजाम करने के लिए रसोई घर के पास खाली पड़ी जमीन पर विश्रामालय बनवाया था। इसमें शौचालय का निर्माण भी किया गया था, जिस पर करीब ढाई लाख रुपए खर्च हुए थे। अब वर्तमान कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने तीन पहले किए दौरे में रसोई घर बड़ा बनाने के लिए विश्रामालय तोडऩे के निर्देश दिए। इससे बगैर इस्तेमाल ही ढाई लाख रुपए का विश्रामालय बिखरने लगा है। हालांकि अस्पताल में हर रोज भर्ती रहने वाले 300 से अधिक मरीजों के लिए नाश्ता, खाना बनाने के लिए रसोई घर छोटा पड़ रहा था, जिसे बड़ा बनाना भी जरूरी समझा गया, लेकिन इसके लिए मरीजों का विश्रामालय तोड़ा जा रहा है।
गौरतलब है कि अस्पताल प्रबंधन की लाचारी से उठ रहे सवालों को लेकर कलेक्टर बनोठ सक्रिय हो गए और उन्होंने अस्पताल के कायाकल्प का जिम्मा ले लिया है। करीब डेड़ घंटे के अपने दोरे में कलेक्टर ने पूरे अस्पताल की अव्यवस्थाएं देखी और इन्हें नोट भी किया। इन पर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एमके बौरासी व अन्य चिकित्सकों से चर्चा की, जिसके बाद नवीनीकरण का खाका तैयार किया। कलेक्टर के निर्देश पर रसोई घर बड़ा बाने का काम शुरू हो गया, वहीं नगर पालिका सीएमओ ने खुद खड़े रहकर साफ सफाई करवाई। हालांकि शौचालयों में नल, जल का काम अभी शुरू नहीं हो सका, लेकिन इसके लिए नपा, पीडब्ल्यूडी आदि के अफसरों को समय सीमा में काम करने के लिए चेता दिया गया है। इसी को लेकर जिला पंचायत सीईओ संतोष वर्मा ने बुधवार को अस्पताल का दौरा कर अस्पताल प्रबंधन के साथ लंबी बैठक की। बैठक में ही पूरी सूची तैयार करने के निर्देश दिए, जिसमें अस्पताल की एक-एक समस्या का उल्लेख करने का निर्देश दिया गया। बता रहे हैं कि शुक्रवार से पीडब्ल्यूडी और नगर पालिका के इंजीनियर अस्पताल को नया रूप देने के लिए भिड़ जाएंगे।
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