scriptदीयों के बदले मिलता है अनाज, जिससे होता है गुजारा | You get grain in exchange for lamps | Patrika News
धार

दीयों के बदले मिलता है अनाज, जिससे होता है गुजारा

त्योहार की तैयारी
परिवार के सदस्य दिन-रात जुटे हैं मिट्टी के दीपक बनाने में

धारNov 04, 2020 / 11:17 pm

shyam awasthi

दीयों के बदले मिलता है अनाज, जिससे होता है गुजारा

लकड़ी के बने गोल आकृति के चौक पर मिट्टी से दीपक बना रहे हैं बदरी प्रजापत

कालीबावड़ी. निक्की राठौड़. कोरोना महामारी को लेकर आम लोगों पर आजीविका चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके कारण लोगों को तकलीफ उठाना पड़ी। हालांकि व्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आने से सभी अपने कार्य में जुट गए।
दीपावली पर माता लक्ष्मी के आगमन की खुशी एवं उनका स्वागत करने के लिए घरों को रोशनी से नहला दिया जाता है। चाइनीज का चलन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। दूसरी ओर मिट्टी से बने दीपकों से घर रोशन करने के लिए प्रजापत समाज इस कार्य में लगभग 20 से 25 दिनों पूर्व से बनाने में लगे हुए हैं। उमरबन जनपद मुख्यालय पर प्रजापत समाज दीये तैयार करने के पूर्व आसपास गांव से मिट्टी लाता है।मिट्टी साफ कर 1 दिन पूर्व पानी डालकर तैयार की जाती है एवं 4 से 6 घंटे तक गीली मिट्टी को पैर से मसल कर दीपक बनाने के लिए तैयार किया जाता है। गांव के नयापुरा निवासी बदरी पिता नारायण प्रजापत पिछले 20 दिनों से लकड़ी के बने गोल आकृति के चौक पर मिट्टी से दीपक बना रहे हैं। इस कार्य में पूरा परिवार लगा है। प्रजापत ने बताया कि कोरोना बीमारी को लेकर लॉकडाउन के समय काफी परेशानी उठाना पड़ी धीरे-धीरे परेशानी दूर होने की उम्मीद है।
कलश एवं दीपक घर देने की परंपरा
बदरी ने बताया कि दीपोत्सव के पूर्व दीपक तैयार किए जाते हैं । साथ ही मिट्टी के कलश एवं पानी पीने की मटकी साथ में ले जाकर परिचितों के घरों पर रखे जाते हैं बदले में अनाज जैसे गेहूं , मक्का आदि दिया जाता है। वह सामग्री बाद में इक_ा कर बेची जाती है, जिससे अच्छा पैसा मिल जाता है। गांव में इस वक्त जो इस कार्य में लगे हुए हैं वह लोग दीपोत्सव की तैयारी में जुट गए हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस बार चाइना की जगह मिट्टी के दीपक खरीद कर अपने घरों को जगमग करेंगे।

Home / Dhar / दीयों के बदले मिलता है अनाज, जिससे होता है गुजारा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो