शतभिषा ‘चर व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र अद्र्धरात्र्योत्तर 2.14 तक, तदन्तर पूर्वाभाद्रपद ‘उग्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। शतभिषा नक्षत्र में वास्तु-गृहारम्भ व प्रवेश, यात्रा, उपनयन, मशीनरी, वाहन क्रय आदि व शस्त्र सम्बंधी कार्य करने योग्य हैं।
गंड नामक नैसर्गिक अशुभ योग रात्रि 2.38 तक, तदुपरान्त वृद्धि नामक नैसर्गिक शुभ योग है। आज का विशिष्ट योग (Today’s Special Sum)
दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग रात्रि 2.14 से अगले दिन प्रात: 7.25 तक है।
उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज शतभिषा नक्षत्र में कल-कारखाना, मशीनरी प्रारंभ, वाहन क्रय, नामकरण, कूपारम्भ व हलप्रवहण आदि के यथा आवश्यक शुभ मुहूर्त हैं।
आज सूर्योदय से प्रात: 7.54 तक शुभ, पूर्वाह्न 10.47 से अपराह्न 3.07 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा सायं 4.34 से सूर्यास्त तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 11.51 से दोपहर 12.37 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभ कार्यारंभ के लिए अत्युत्तम हैं।
आज पद्मनाभ द्वादशी तथा पंचक सम्पूर्ण दिवारात्रि है। चन्द्रमा की स्थिति (Moon position)
चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि कुम्भ राशि में है। ग्रह राशि-नक्षत्र परिवर्तन: आज सायं 7.37 पर मंगल हस्त नक्षत्र में प्रवेश करेगा।
गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। आज का राहुकाल (Today’s rahukal)
दोपहर बाद 1.30 से अपराह्न 3.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (सा,सी,सू,से) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि कुम्भ व जन्म का पाया ताम्र है। सामान्य रूप से ये जातक धनी, सत्यप्रिय, प्रसिद्ध, बुद्धिमान, शत्रुजित, ज्योतिषप्रेमी, स्वभाव में कुछ कठोरता, वाचाल व कुछ व्यसनप्रिय होते हैं। इनकी आय का संबंध प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से राज्य से होता है। इनका 28वां वर्ष विशेष महत्व का होता है। कुम्भ राशि वाले जातकों को आज पेट संबंधी किसी प्रकार की परेशानी और मानसिक अस्थिरता रहेगी। कर्ज से बचकर चलें।