बुधवार के दिन या किसी भी शुभ कार्य से पहले पूजा करने के लिए सुबह स्नान-ध्यान से निवृत होकर गंगाजल से धुले हुए तांबे के पात्र में गणेश जी की, शुद्ध मिट्टी, गाय के गोबर, सुपारी या अन्य धातुओं की मूर्ति स्थापित करें, पूजा स्थल पर मूर्ति का मुख पूर्व दिशा या उत्तर दिशा में करना शुभ होता है । भक्त साधक को कुशा या ऊन के सफेद आसन पर बैठना चाहिए ।
तांबे के आसन पर विराजमान लंबोदर भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को सुगंधित चंदन का तिलक लगावें, फिर लाल या पीले पुष्प की माला या खुले पूष्प अर्पित करने के बाद दुर्वा, धूप, दीप, कपूर अर्पित कर गणेश के सबसे प्रिय मोदक का भोग लगावें ।
इस मंत्र का करें जप
शांत चित्त होकर बैठ जाये एवं श्रीगणेश का ध्यान ? करते हुए मन ही मन इस मंत्र का 108 बार जप करें ।
।। ॐ गं गणपतये नमः ।।
घर में धन समृद्धि के लिए बुधवार के दिन गणेश जी को गाय का घी और गुड़ का भोग लगाएं । बाद में इस भोग को गाय माता को खिला दें । ऐसा करने से घर में धन-संपत्ति में वृद्धि होने लगती हैं । अगर घर या किसी सदस्य पर किसी तरह की कोई बाधा हो तो सफेद रंग के गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर विशेष पूजा करें इससे भय दूर होगा ।
अगर घर परिवार में कलह-क्लेश हो रहा हो तो 108 दूर्वा के गणेशजी बनाकर उसकी विधिवत पूजा करने के बाद घर के मुख्य द्वार पर स्थापित करें । घर के मुख्य द्वार पर श्रीगणेश जी की मूर्ति लगाने से नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पाती ।