छठ पूजा स्त्रियां बड़ी निष्ठा और तपस्या से व्रत इसलिए रखती हैं की उनके सुहाग की रक्षा सदैव भगवान सूर्य करें । सिंदूर और सुहाग का रिश्ते के बारे में तो सभी जानते है, कि विवाह के समय वर वधू की मांग में सिंदूर भरता है, और विवाह के बाद ही सौभाग्य के रूप में नियमित महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर भरती है । लेकिन छठ पूजा में भी महिलाओं को माथे से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर लगाती हैं ।
सिंदूर लगाने का महत्व
एक मान्यता के अनुसार, जो स्त्री अपने मांग के सिंदूर को बालों में छिपा लेती है, उसका पति समाज में भी छिप जाता है, उसके पति को सम्मान नहीं मिलता, इसलिए यह कहा जाता है कि सिंदूर लंबा और ऐसा लगाया दजाए कि वह सभी को दिखे कि यह सिंदूर माथे से लगाना आरंभ करके और जितनी लंबी मांग हो उतना भरा जाना चाहिए । यदि स्त्री के बीच मांग में सिन्दूर भरा है और सिंदूर भी काफी लंबा लगाती है, तो उसके पति की आयु लंबी होती है । छठ का व्रत पति की लंबी आयु की कामना से रखा जाता है इसलिए सुहाग के प्रतीक सिंदूर को विशेष रूप से छठ पूजा में लंगा लगाया जाता हैं ।