सुख चार और दु:ख हजार इसी का नाम संसार-साध्वी
सुख चार और दु:ख हजार इसी का नाम संसार-साध्वी
बेंगलूरु. मुनिसुव्रत स्वामी जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ केंटोनमेंट में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री एवं साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि सुख चार और दु:ख हजार इसी का नाम संसार। जीवन की रेल पुण्य और पाप की पटरी पर दौड़ रही है। हम पुण्य करते नही हंै लेकिन पुण्य का फल चाहते हंै और पाप करते है लेकिन पाप का फल भुगतना नहीं चाहते है। साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि आपके पुण्य का उदय हो तो बड़ी से बड़ी बात भी किसी को बोल दो तो सामने वाला हल्के में ले लेगा और पाप का उदय हो तो छोटी सी बात में भी विवाद हो जाएगा और हो सकता है आपकी पिटाई भी हो जाए। साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि किसी के कपड़े अलमारी में समा नहीं रहे है और कोई एक कपड़े के लिए तरस रहा है। उन्होंने कहा कि किसी के घर अन्न के भंडार है कोई अन्न के दाने को तरस रहा है। इस अवसर पर मोहनलाल बोहरा ने आगामी कार्यक्रम की जानकारी दी। राजमल गुलेच्छा, विजय गुलेच्छा, जयचंद चुत्तर, मोहनलाल बोहरा, नरेन्द्र बोहरा, दिनेश मूथा दर्शनों का लाभ लिया। कांताबाई बोहरा, ललिता बाई बोहरा, किरण गुलेच्छा, कमलाबाई बोहरा ने सभी तपस्वियों की अनुमोदना की।