
इस नवरात्रि के पहले दिन भूलकर भी न करें ये काम, बन रहा है अशुभ योग
पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार 9 अप्रैल 2024 से हो रही है। इसी दिन मां दुर्गा का घटस्थापना (कलश स्थापना) और मां शैलपुत्री की पूजा होगी। इसी के साथ मां दुर्गा की 9 दिवसीय पूजा शुरू हो जाएगी। इसके लिए कलश स्थापना का सामान्य मुहूर्त सुबह 6.05 से 10.16 बजे तक (4 घंटे 11 मिनट) है वहीं चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का बेस्ट अभिजित मुहूर्त सुबह 11.57 बजे से दोपहर 12.47 बजे तक यानी 50 मिनट है।
साल 2024 में कलश स्थापना के समय वैधृति योग भी रहेगा। आमतौर पर इस योग में कलश स्थापना से बचते हैं, हालांकि शास्त्रों ने इस योग में कलश स्थापना पर रोक नहीं लगाई है। लेकिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थितियां ऐसी हैं कि इस साल इस योग के रहते ही चैत्र नवरात्रि घटस्थापना करनी पड़ेगी।
दरअसल, पंचांग के अनुसार सोमवार 8 अप्रैल को शाम 6.14 बजे से वैधृति योग बन रहा है और यह 9 अप्रैल दोपहर 2.18 बजे तक रहेगा और नवरात्रि कलश स्थापना मध्याह्न से पहले हो जाना चाहिए। वाराणसी के पुरोहित पं शिवम तिवारी के अनुसार इसलिए वैधृति योग में ही चैत्र नवरात्रि की कलश स्थापना होगी।
शास्त्रों में नवरात्रि के आरंभ में घटस्थापना के स्पष्ट नियम बनाए गए हैं, क्योंकि यह देवी शक्ति का आवाहन है। माना जाता है कि इसी के बाद अन्य देवी-देवता की भी पूजा की जाती है। यह भी मान्यता है कि अशुभ या अनुचित समय पर घटस्थापना करने से देवी शक्ति का प्रकोप हो सकता है और आशीर्वाद नहीं मिलता है। इसीलिए अमावस्या, मध्यकाल या रात्रिकाल में घटस्थापना करना वर्जित किया गया है। साथ ही चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग में भी कलश स्थापना न करने की सलाह दी गई है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 योग में से कुल 9 योग अशुभ होते हैं, इन योगों में शुभ काम करने से बचना चाहिए। ये 9 अशुभ योग विष्कुम्भ, अतिगण्ड, शूल, गण्ड, व्याघात, वज्र, व्यतिपात, परिध और वैधृति हैं। मान्यता है वैधृति योग स्थिर कार्यों के लिए ठीक है, लेकिन यदि कोई भाग-दौड़ वाला कार्य या यात्रा आदि करने की सोच रहे हैं तो वैधृति योग में इसकी शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
Updated on:
29 Mar 2024 07:52 am
Published on:
28 Mar 2024 02:47 pm
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