scriptMauni Amavasya 2021: मौनी अमावस्या कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और ऐसे पाएं भगवान की कृपा | Mauni Amavasya 2021: What is the date and time | Patrika News
धर्म-कर्म

Mauni Amavasya 2021: मौनी अमावस्या कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और ऐसे पाएं भगवान की कृपा

भगवान विष्णु-शिव दोनों की पूजा करने का विधान….

भोपालFeb 04, 2021 / 01:54 pm

दीपेश तिवारी

2021 Mauni Amavasya : What is the date and time

2021 Mauni Amavasya : What is the date and time

माघ माह की अमावस्या को हिन्दू पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या कहते हैं। हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है, इस दिन मौन रखकर व्रत किया जाता है और स्नान कर दान-पूण्य करने का विधान है। भारतीय धर्म दर्शन में पूरे साल में आने वाली कुल 12 अमावस्या तिथियों में से सावन मास की अमावस्या और माघ मास की अमावस्या तिथि का खास महत्व है। माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस बार मौनी अमावस्या 11 फरवरी 2021 को पड़ रही है।

ऐसी मान्यता है कि अगर इस अमावस्या पर मौन रहें तो इससे अच्छे स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। वहीं वैदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा मन का कारक है, और इस दिन चंद्र देव के ना दिखने के कारण मन व्यथित रहता है, इसलिए मन को शांत रखने के लिए मौन व्रत किया जाता है। ग्रह दोष दूर करने के लिए भी ये अमावस्या खास मानी गई है।

मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन ऋषियों की तरह चुप रहने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। इस दिन मुंह से कटु शब्द कहने से भी बचना चाहिए। इस अमावस्या के दिन भगवान विष्णु-शिव दोनों की पूजा करने का विधान है इससे धन और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग खुलता है।

मौनी अमावस्या 2021 का शुभ मुहूर्त…
मौनी अमावस्या 10 फरवरी 2021 को 01 बजकर 10 मिनट से 11 फरवरी 2021 की रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। ऐसे में मौनी अमावस्या 11 फरवरी को होगी। 11 फरवरी को ही मौनी अमावस्या का स्नान, दान, व्रत, पूजा-पाठ आदि किया जाएगा।

मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन संभव हो सके तो गंगा नदी में स्नान करें। फिर व्रत रखकर पूरे दिन मौन रहें। इससे आपका आत्मबल मजबूत होगा।

गंगा स्नान के बाद ये करें…
मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान के पश्चात तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल, वस्त्र, अंजन, दर्पण, स्वूर्ण और दूध देने वाली गाय का दान करना ज्यादा फलदायी रहेगा।

किसी भी अमावस्या के दिन पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान आदि करने का विधान है। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और वे सुख, समृद्धि और वंश वृद्धि का आशीष देते हैं।

ऐेसे में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है। मौनी अमावस्या पर किये गये दान-पुण्य का फल सौ गुना ज्यादा मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत से समान होता है। मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। कहा जाता है कि पीपल के तने में भगवान शिव, जड़ में भगवान विष्णु तथा अग्रभाग में ब्रह्मा जी का वास होता है। ऐसे में पीपल के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव तीनों की ही कृपा बनी रहती है।

मौनी अमावस्या के नियम…
– सुबह या शाम को स्नान के पहले संकल्प लें।
– पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें फिर स्नान करें।
– साफ कपड़े पहनें और जल में काले तिल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
– फिर मंत्र जाप करें और सामर्थ्य के अनुसार वस्तुओं का दान करें।
– इस दिन क्रोध करने से बचें।
– किसी को अपशब्द न कहें।
– मौनी अमावस्या के दिन ईश्वर का ध्यान करें।

पौराणिक शास्त्रों में मौनी अमावस्या
पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था और उन्हीं के नाम से मौनी शब्द की उत्पत्ति हुई। इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। स्नान के बाद साफ कपड़े पहने जाते हैं। जल में काले तिल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता। फिर सूर्य भगवान के मंत्र का जाप कर जरूरतमंदों को दान दिया जाता। श्रद्धालु इस दिन मौन व्रत रहकर ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। गंगा स्नान के लिए शुभ दिन है। मौनी अमावस्या, मौन रहकर स्नान दान करने की है परंपरा मौन से शुरू हुई।

भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन ये अवश्य करें…
1. स्नान करें : शास्त्रों की माने मौनी अमावस्या के दिन मां गंगा, नर्मदा, सिंधु, कावेरी सहित तमाम पवित्र नदियों में स्नान करना दान जप अनुष्ठान करना बेहद शुभ है। ऐसा करने से व्यक्ति के दोषों का निवारण हो जाता है। परंतु यदि मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करना संभव ना हो तो नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान अवश्य करें।

2. मौन धारण करें : सनातन काल से ही मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने का चलन है। यह काल एक दिन, एक वर्ष या फिर आजीवन हो सकता है, शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने से व्यक्ति को विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है। परंतु यदि व्यक्ति दिन भर मौन व्रत नहीं ले सकता है, तो स्नान करने से पूर्व मौन व्रत जरूर धारण करें। और दिन भर भी जितना आवश्यक हो उतनी ही बात करें। इस दिन व्यक्ति को बात करते वक्त यह ध्यान रहे की, वह किसी से कटु वचनों में बात ना करें, और मीठा बोले।

3. दान करें : हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या के दिन दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना गया है। इस दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी, कंबल, गर्म वस्त्र, काले कपड़े, जूते आदि का दान करना बेहद महत्वपूर्ण है। मौनी अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान और भूमि दान का भी विशेष महत्व है। यदि जातक अपनी सामर्थ्य अनुसार इन सभी वस्तुओं का दान करता है, तो उसे पुण्य प्राप्ति होती है।

4. पितरों का तर्पण करें : मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान कर पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को तृप्ति मिलती है। इसलिए इस दिन पवित्र तीर्थ स्थल पर स्नान कर पितरों का तर्पण करने का विशेष महत्व है, ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है। सबसे पहले स्नान करने के बाद एक लोटे में जल लें, उसमें लाल पुष्प और काले तिल डाल कर अपने पितरों को ध्यान करते हुए, उस जल को सूर्य देव को अर्पित करें।और पित्र दोष की मुक्ति की प्रार्थना करें। कहते हैं ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
5. पीपल की परिक्रमा करें : हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है, कि मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करना बेहद शुभ माना गया है, यदि संभव हो तो इस दिन पीपल के वृक्ष की 108 बार परिक्रमा कर कच्चा सूत बाधें। पीपल के वृक्ष पर कच्चा दूध चढ़ाएं।

Home / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Mauni Amavasya 2021: मौनी अमावस्या कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और ऐसे पाएं भगवान की कृपा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो