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राष्ट्रहित में होने वाले ऐतिहासिक और सबसे विशाल यज्ञ के साथ पाएं देव धन्वंतरि से आरोग्य और माता महालक्ष्मी से समृद्धि का आशीर्वाद

श्री पार्श्व पद्मावती शक्ति पीठ तीर्थ धाम कृष्णगिरी, तमिल नाडू की ओर से राष्ट्रसंत डॉ. श्री वसंत विजय जी महाराज के पावन सान्निध्य में 14 से 23 जुलाई 2021 की कालावधि में श्री विश्व शांति एवं महालक्ष्मी कुबेर अर्थ धर्म समृद्धि कलश अनुष्ठान किया जा रहा है। यह सिर्फ कलश नहीं है, बल्कि साक्षात माता महालक्ष्मी, कुबेरऔर देव धन्वन्तरी का आशीर्वाद है।

नई दिल्लीJun 09, 2021 / 04:03 pm

Kapil Meena

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Organized biggest Yajna for blessings of health from Dev Dhanvantari and prosperity from Mata Mahalakshmi

कोरोना संकट से निपटने के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है, तो वहीं भारत में वैक्सीनेशन के साथ-साथ आयुर्वेदिक तौर-तरीकों से भी इससे निपटने के लिए खास जोर दिया जा रहा है। भारत में महामारी का स्वरूप दिन प्रतिदिन विकराल होता जा रहा है | हमारे देश में एक के बाद एक जो संकट आ रहे हैं उन से बचने का उपाय क्या है? इसी प्रश्न के उत्तर को ढूँढने के लिये श्री पार्श्व पद्मावती शक्ति पीठ तीर्थ धाम कृष्णगिरी, तमिल नाडू की ओर से राष्ट्रसंत डॉ. श्री वसंत विजय जी महाराज के पावन सान्निध्य में 14 से 23 जुलाई 2021 की कालावधि में श्री विश्व शांति एवं महालक्ष्मी कुबेर अर्थ धर्म समृद्धि कलश अनुष्ठान किया जा रहा है। यह सिर्फ कलश नहीं है, बल्कि साक्षात माता महालक्ष्मी, कुबेरऔर देव धन्वन्तरी का आशीर्वाद है।

इस यज्ञ में 5000 से अधिक कलश अभिमंत्रित किये जाएंगे। इस कलश को घर पर स्थापित कर आप अपने घर में सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्य का स्वागत करेंगे। इस कलश अनुष्ठान के लिये प्रयोग किया जाने वाला कलश भी अपने आप में खास है ।

छह लीटर का पीतल का अष्टलक्ष्मी युक्त व पीतल के नारियल एवं पान युक्त यह वृहद कलश बहुत ही पवित्र है | इस कलश अनुष्ठान में प्रयोग की जाने वाली सामग्री दुर्लभ है। इस में भारत के 106 वैष्णव मंदिरों का माँ लक्ष्मी के चरण में पूजित कुमकुम का समा वेश है। मूंगा, पन्ना, मोती, नीलम, आदि नवरत्नों का सामावेश है, विभिन्न रोग निवारक एवं समृद्धिदायक 32 प्रकार के हीलिंग जेम स्टोन का इस में उपयोग किया गया है, 99.99 % शुद्ध चांदी का सिक्का, केसर, इलायची, कस्तूरी, कमलगट्टा, पीला व सफेद चंदन, देवदारु, अगर-तगर, आम की बेल की लकड़ी, बेलपत्र, जायफल आदि महत्वपूर्ण, पवित्र और विशेष 370 से अधिक दिव्य वस्तुएँ, 32 उपरत्न, 10 लाख आहुतियों से सिद्ध यज्ञ भस्म, लक्ष्मी मंत्रों से अभिमंत्रित कुमकुम एवं अन्य पवित्र सामग्री का समावेश किया गया है |

क्या है इस कलश का महत्व :

इस अभिमंत्रित कलश के माध्यम से घर में पवित्रता बनी रहेगी, साथ ही परिवार बीमारियों से दूर रहेगा| इस कलश में पड़ने वाली सभी अलौकिक वस्तुएँ कलश पाने वाले के जीवन में हर प्रकार का सुख समृद्धि, सुरक्षा, सौभाग्य और आरोग्य लेकर आएंगी। आज की परिस्थिती में हमें जीवन को सुखी बनाने के लिये इन्ही की तो आवश्यकता है। इस कलश में महायज्ञ की अलौकिक शक्ति और ऊर्जा का समावेश होगा। इस अति दुर्लभ कलश को प्राप्त करने हेतु निम्न संपर्क सूत्र पर संपर्क करें: +91 8877988779, 8770128437

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इस कलश अनुष्ठान करने के लिये एक बहुत बड़े महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है | इस महायज्ञ से वातावरण शुद्ध एवं पवित्र होगा, वातावरण में फैले कीटाणु, बीमारियाँ नष्ट होंगी, मानव जाति को शांति और समृद्धि का मार्ग मिलेगा, देश परआए इस संकट से देश की सुरक्षा होगी | मानवजाति के कल्याण के लिये, देश की सुरक्षा के लिये किया गया यह एक अलौकिक महायज्ञ, अलौकिक कलश अनुष्ठान होगा।

इस महायज्ञ की कई ऐसी विशेषताएँ हैं, जिससे इस कठिन काल में यह महायज्ञ करने का महत्व उजाग रहोगा :

विश्व को इस कठिन त्रासदी से बचाने के लिये किया जाने वाला यह धार्मिक अनुष्ठान है। जो 40000 वर्गफुट के यज्ञ मंडप में किया जाएगा। पूज्य गुरुदेव राष्ट्रसंत डॉ. श्री वसंत विजयजी महाराज केपावन सान्निध्य में 14 से 23 जुलाई 2021 अर्थात 10 दिन तक यह दिव्य अनुष्ठान किया जाएगा। देश कि सुरक्षा के संकल्प को सिद्ध करने एवं कलशों को सिद्ध करने के लिये एक करोड़ बार महालक्ष्मी माँ के चरणों में कुमकुम पूजा की जाएगी | 10 लाख महालक्ष्मी माँ की आहुतियाँ दी जाएंगी। तिरुपति क्षेत्र के प्रकांड विद्वान पंडित प्रवर के नेतृत्व में 108 पंडितों द्वारा देश सुरक्षा शांति एवं समृद्धि के लिये अतिविशिष्ठ अनुष्ठान किया जाएगा। देव वैद्य धनवंतरी देव एवं कुबेर देव को 25 लाख जप एवं ढाई लाख विशेष आहुतियाँ भी दी जाएंगी। हवन कुंडों में 2000 किलो शुद्ध देसी घी, 10 हजार किलो चंदन एवं अन्य लकडियाँ, 10 हजार किलो से अधिक मेवा एवं अन्य औषधियाँ डाली जाएंगी। प्रतिदिन पूर्णाहुति में रत्न, सोना, चांदी, जरी के वस्त्र दसों कुंडों में दस दिन तक डाले जाएंगे।

एक अपने आप में ही इतिहास रचाने वाला एक बहुत ही भव्यदिव्य धार्मिक अनुष्ठान होगा। इस अनुष्ठान में जप एवं यज्ञ आहुति को 108 विद्वानों द्वारा संपन्न किया जाएगा। देश कल्याण के इस महाविधान में महालक्ष्मी माँ की कृपा, पूज्य गुरुदेव श्री का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त करने व अपने सौभाग्य को अतिशीघ्र जगाने के लिए कोई भी व्यक्ति अपनी शक्ति व सामर्थ्य अनुसार चन्दन की लकड़ियाँ, गाय का घी, केसर, मेवे इत्यादि भेंट कर श्रद्धा समर्पित कर इस ऐतिहासिक आयोजन का लाभ प्राप्त कर सकता हैं |

राष्ट्रसंत डॉ. श्री वसंत विजय जी के बारे में: भारत देश संतों का देश कहा जाता है। भारत में आज तक ऐसे कई संत महंत हुए हैं, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता के आधार पर समाज का कल्याण किया है। राष्ट्रसंत डॉ. श्री वसंत विजय जी

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