ज्योतिषी डॉ. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार पूर्णिमा का स्नान दान उदया तिथि में होता है। इसलिए ऐसे लोग जो व्रत नहीं रखते सिर्फ स्नान दान करते हैं। वो उदया तिथि में चार जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा मनाएंगे और इसी दिन स्नान दान करेंगे। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इससे इस दिन स्नान दान का महत्व बढ़ गया है।
इस साल 2023 की पूर्णिमा बेहद खास है। इस बार दो दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा मनाई जाएगी यानी लोगों को दो दिन पूजा पाठ का अवसर मिल रहा है। खास बात यह है कि दोनों दिन शुभ योग बन रहे हैं। व्रती शिव योग में पूजा करेंगे। इसके अलावा सिद्ध योग और रविव योग में भगवान का ध्यान बेहद पुण्यफलदायक है। वहीं चार जून को जो लोग स्नान दान करना चाहते हैं, उनके लिए इस समय चावल, खीर, दूध, चांदी सफेद वस्त्र सफेद फूल का दान करना चाहिए। इससे इन्हें चंद्रमा का आशीर्वाद मिलेगा और चंद्रदोष दूर होगा।
ज्येष्ठ पूर्णिमा तीन जून को शुभ योग
शिव योगः सुबह से लेकर दोपहर 2.48 बजे तक
सिद्ध योगः दोपहर 2.48 बजे से देर रात तक
रवि योगः सुबह 5.23 बजे से सुबह 6.16 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त : चार जून सुबह 04:34 बजे से 05:17 बजे तक
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12:10 बजे से 01:03 बजे तक
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:49 बजे से 03:42 बजे तक
अमृत काल मुहूर्त : शाम 07:12 बजे से रात 08:41 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग : चार जून सुबह 03:23 बजे से 05 जून को सुबह 06:00 बजे तक।
तीन जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भद्रा का साया है। इस दिन भद्रा सुबह 11.16 बजे से रात 10.17 बजे तक है। हालांकि पूजा पाठ के लिए भद्राकाल का अवरोध नहीं रहता है। वैसे भी भद्रा का वास स्वर्ग में है, इसलिए धरती पर इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा।