scriptइन लोगों पर नहीं होता है शनि की साढ़े साती का बुरा असर! जानें क्या है इसका कारण | Saturn's never gives bad effect on these people | Patrika News
धर्म-कर्म

इन लोगों पर नहीं होता है शनि की साढ़े साती का बुरा असर! जानें क्या है इसका कारण

इन जातकों पर शनि की साढ़े साती देती है शुभ फल, मिलती है अपार धन दौलत के साथ ही समृद्धि और मान-सम्मान…

भोपालAug 07, 2020 / 06:56 pm

दीपेश तिवारी

shani_maharaj_nyay_ke_devta.png

Saturn’s never gives bad effect on these people

आपके कर्मों के आधार पर न्याय के कारक ग्रह शनि का नाम सुनते ही कई लोगों डर से कांप जाते हैं। ये सच है कि शनि की ओर कर्मदंड के तहत अनुचित कर्म करने वालों को दंड दिया जाता है। लेकिन कर्म के विधान के तहत ही वे कई लोगों को फर्श से अर्श तक भी ले जाने का कार्य करते हैं।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इसी कारण नक्षत्र मंडल के ग्रह शनि का गोचर हमेशा हर किसी के लिए अशुभ नहीं होता है, कर्म के आधार पर अनुचित कर्म को दंड तो शुद्ध कर्म वालों को शनि वरदान और अपना आशीर्वाद भी प्रदान करते हैं। दरअसल शनि स्थिरता के प्रतीक भी हैं, तभी तो कहा जाता है कि यदि कोई नौकरी शुरु करो तो शनिवार के दिन ही से ही शुरु करों, क्योंकि यहां भी शनि आपकी नौकरी में स्थिरता लाते हैं।

पंडित शर्मा के अनुसार क्या आप जानते हैं कि कुंडली की दशा के अनुसार कुछ लोगों के लिए शनि की साढ़े साती शुभ भी होती है। ऐसे में जिन जातकों पर शनि की साढ़े साती शुभ फल देती है, उन्हें अपार धन दौलत, समृद्धि और मान-सम्मान मिलता है।

शनि की साढ़े साती किनके लिए शुभ फलदायी :
माना जाता है कि जब जातक की कुंडली में किसी शुभ ग्रह की दशा या महादशा चल रही होती है और उस दौरान शनि की साढ़े साती भी है तो ऐसी दशा में शनि ऐसे लोगों पर अपनी टेढ़ी दृष्टि डालते तो हैं, लेकिन ऐसे लोगों को वे सफलता प्रदान करते हैं।

इस स्‍वभाव के लोगों पर रहती है शनि की कृपा-
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो जिन लोगों पर शनि देव की कृपा बनी रहती है वे हज़ार मुश्किलों के बाद भी अंत में सफल हो जाते हैं। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखि‍र किन लोगों पर होती है : शनि की कृपा, तो ऐसे समझें… दरअसल, शनिप्रिय मनुष्‍य विशेष स्‍वभाव के होते हैं, ये होते हैंवे लोग –

: जो अपनी मेहनत और बुद्धिमानी से सफलता प्राप्त करते हैंं इन्हें दूसरों की मदद लेना पसंद नहीं होतां ये आत्‍मनिर्भर होते हैं और अपने दम पर आगे बढ़ना चाहते हैं।

: ऐसे लोगों जिनका भरा पूरा परिवार होने के बाद भी ये हमेशा अकेलापन महसूस करते हैं, माना जाता है कि ऐसा इसलिए क्योंकि शनि देव इन्हें हर तरह के भ्रम से दूर रखना चाहते हैं, ताकि इन्हें रिश्तों की सच्चाई का ज्ञान हो

: इसके अलावा शनि देव लालच, छल, कपट आदि जैसी चीज़ों को नापसंद करते हैं इसलिए जिस व्यक्ति पर इनकी कृपा होती है वो ऐसी चीज़ों से दूर रहते हैं।

: शनि देव को न्‍याय का देवता कहा गया है। शनि स्वयं भी न्यायप्रिय हैं इसलिए इनकी कृपा पाने वाले लोग भी न्याय और सच का साथ देने वाले होते हैं। इस स्‍वभाव के मनुष्‍य ना तो गलत मार्ग पर चलते और ना हीं गलत का साथ देते हैं।

सच्‍चाई का साथ देने के कारण ही ये लोग अन्‍य लोगों से जल्‍द जुड़ नहीं पाते। समाज में कई बार इन लोगों के इस गुण को खामी मान लिया जाता है।

: ऐसा कहा गया है कि शनि देव की कृपा पाने वाले लोगों को अकसर 35 वर्ष की आयु या फिर उसके बाद ही बड़ी सफलता प्राप्त होती है। ये अपनी मेहनत और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। शनि को जो लोग प्रिय हैं उनका झुकाव वैराग्य की ओर होता है। ये विवाह के बंधन में बंधना नहीं चाहते हैं और सन्यासी या समाज सुधारक बन जाते हैं।

: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुला राशि शनि देव की सबसे प्रिय राशि होती है। शनि के इसी प्रभाव के कारण इस राशि के जातक अधिकांशत: बहुत सच्‍चे और इमानदारी से जीवन व्‍यतीत करने वाले लोग होते हैं। इसके अलावा कुंभ राशि वाले लोगों पर भी शनि की विशेष कृपा बनी रहती है।

एक तो इस राशि का स्वामित्व ही शनि के पास होता है, दूसरा कुंभ राशि‍ के लोग सरल और शांत स्‍वभाव के होते हैं इसलिए ये लोग शनि को प्रिय होते हैं। यही नहीं मकर राशि‍ के लोगों को भी शनि के स्‍नेह का लाभ मिलता है। इस राशि का स्‍वामी भी शनि ही है इसलिए इन लोगों पर यह विशेष कृपा बनाए रखते हैं।

ये भी समझें
यदि मुख्य रूप से बात करें तो शनि केवल उन लोगों को दंड देते हैं, जो या तो अपनी माता का सम्मान नहीं करते हैं या तो अनुचित कार्य करते हैं। वहीं जो जातक अनुचित कार्यों से दूर रहते हैं, उन पर शनिदेव सदैव कृपालु रहते हैं, क्योंकि दंड के विधान के तहत भी वे जब ऐसे जातकों की राशि में आते हैं तो अनुचित कार्य नहीं होने के कारण इन्हें वे दंड नहीं देते हैंA

यहां तक की यदि वे किसी समस्या में भी फंसे हो तो उन्हें अपने आशीर्वाद से शनि देव ऐसी परेशानियों से बाहर निकाल देते हैं। यानि ऐसे जातकों को शनिदेव साढ़े साती या ढइया में भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि कई बार तो इन्हें फर्श से अर्श तक इन्हीं शनि की दशा में ले जाते हैं।

वहीं पं. शर्मा का ये भी कहना है कि शनि केवल कर्मों के आधार पर ही दंड देते हैं, वहीं जो कहते हैं कि इन उपायों से जैसे हनुमान जी की पूजा या शनि को प्रसन्न करने से शनि का असर खत्म हो जाता है, तो ये मुमकिन नहीं हैं।

हां हनुमान जी की पूजा से असर में कमी अवश्य आ सकती है, लेकिन कर्म फल के विधान के अनुसार आपको आपके कर्मों का दंड तो मिलेगा ही, ये मुमकिन है कि हनुमान जी की कृपा से आपको एक ओर प्रायश्चित का अवसर प्रदान हो जाए। वहीं यदि आपके कर्म सदैव उचित रहे हैं तो शनिदेव आपको कभी भी दंडित न करते हुए कर्म के विधान के अनुसार आशीर्वाद ही देंगे।

Home / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / इन लोगों पर नहीं होता है शनि की साढ़े साती का बुरा असर! जानें क्या है इसका कारण

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो