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हिंदू कैलेंडर का वैशाख माह शुरु, जानें इसकी विशेषता और किस देवता की पूजा के लिए माना जाता है बेहद खास

अत्यंत खास इस माह में ऐसे पूरी करें अपनी मनोकामना!

Apr 18, 2022 / 11:02 am

दीपेश तिवारी

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Vaishakh month in Hindu Calender

हिंदू कैलेंडर का दूसरे माह वैशाख की रविवार 17 अप्रैल 2022 से शुरुआत हो गई है। इसके तहत प्रतिपदा तिथि रविवार रात 10 बजकर 01 मिनट तक रही।

हिंदू संस्कृति में वैशाख का अत्यंत महत्व है। शास्त्रों में वैशाख मास से जुड़े बहुत-से नियमों का जिक्र भी है, पंडितों व जानकारों के अनुसार हिंदू-कैलेंडर का दूसरा माह वैशाख/बैसाख भगवान विष्णु को अतिप्रिय है।

इस दौरान वैशाख माह में भगवान नृसिंह Bhagwan narsingh, भगवान परशुराम, मां गंगा, चित्रगुप्त, भगवान कूर्म की पूजा भी की जाती है। वहीं माना जाता है कि इसी माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को सीताजी ने जन्म लिया था।

ये भी है खास
इसके साथ ही ये भी मान्यता है कि हिंदू-कैलेंडर का दूसरा माह जो भगवान विष्णु को अतिप्रिय है यानि वैशाख/बैसाख को भगवान शिव की पूजा के लिए भी विशेष माना गया है। माना जाता है कि इस माह भगवान शिव बहुत जल्द से प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं।

ऐसे में आज हम जानते है कि वैशाख मास के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए और उन नियमों का पालन करने से आपको कौन-से शुभ फलों की प्राप्ति होगी जानिए वैशाख का महत्व…

दरअसल वैशाख मास में मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दौरान माधव नाम से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसी कारण वैशाख मास को माधव मास नाम से भी जाना जाता है। इसका अपना बड़ा ही महत्व है। मान्यता के अनुसार इस माह के दौरान नित्य ही कम से कम 11 बार ‘ऊँ माधवाय नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।

वैशाख मास के दौरान तुलसीपत्र से श्री विष्णु पूजा को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पूरे माह तुलसी की पत्तियों से भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के कॅरियर में ग्रोथ के साथ ही उसका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। साथ ही घर-परिवार में सुख-शांति भी बनी रहती है।

इस दौरान घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाना भी शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस पौधे को लगाने के पश्चात इसकी देखभाल करने से व्यक्ति की सफलता सुनिश्चित होती है।

वैशाख मास में जप, तप व हवन के अलावा स्नान और दान को भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। माना जाता है कि जो कोई इस माह में श्रद्धाभाव से जप, तप, हवन, स्नान, दान आदि शुभकार्य करता है, उसे इसका अक्षयफल प्राप्त होता है।

माना जाता है कि वैशाख मास के दौरान सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के पश्चात भगवान विष्णु की पूजा व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्रदान करती है, जिससे उसे जीवन में तरक्की प्राप्त होती है।

इसके अलावा वैशाख मास के दौरान घट दान (मिट्टी का घड़ा दान करने) का भी विधान है। माना जाता है इस दौरान किसी मन्दिर में, बाग-बगीचे में, स्कूल में या किसी सार्वजनिक स्थान पर पानी से भरा मिट्टी का घड़ा रखने से बहुत ही पुण्य फल प्राप्त होते हैं।

साथ ही वैशाख / बैसाख महीने में किसी जरूरतमंद या सुपात्र ब्राम्हण को सवा किलो या सवा पांच किलो या 11 किलो या 21 किलो गेहूं या चावल का दान करना भी विशेष माना गया है।

वैशाख/बैसाख के सोमवार हैं अति खास
यह माह भगवान शिव Lord Shiv की पूजा के लिए भी विशेष होने के कारण इस माह के सोमवार भी सावन और कार्तिक के सोमवार की तरह विशेष माने गए हैं। जिसके चलते वैशाख के सोमवार Monday में भगवान शिव को प्रसन्न करना काफी आसान माना जाता है।

ऐसे में इस बार 17 अप्रैल 2022 से शुरु हुए वैशाख माह का पहला सोमवार ही वैशाख के दूसरे दिन यानि 18 अप्रैल को पड़ रहा है, जानकारों के अनुसार ऐसे में यदि आप भी भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दौरान कुछ आसान तरीकों से भगवान शिव को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाई जा सकती है।

इसके तहत वैशाख के सोमवार को जल में केसर मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से विवाह में आ रही परेशानियों के अलावा विवाह और Marriage Life से जुडी समस्याएं खत्म होती हैं।

इसके अतिरिक्त इस मास के सोमवार को किसी सुहागिन को साड़ी, चूडिय़ां, कुमकुम आदि सुहाग का सामान देना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से भी वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।

वहीं वैशाख मास में प्याऊ की स्थापना के अलावा भगवान शिव के ऊपर जलधारा की स्थापना करके भी उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। लेकिन इसके साथ ही विशेष तरह की परेशानियों में भी इस माह अलग अलग पूजन विधि की मदद से छुटकारा पाया जा सकता है।

वैशाख के सोमवार के विशेष उपाय
– जल्दी सफलता प्राप्ति के लिए इस माह हर रोज़ घर के मंदिर में स्थापित पारद (पारा) से बने छोटे से शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए, यह पूजा आप वैशाख के सोमवार से शुरु कर सकते हैं।
मान्यता के अनुसार ऐसा करने से सफलता मिलने के अलावा घर की दरिद्रता भी दूर हो जाती है और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है।

वहीं घर के मंदिर Mandir में स्थापित पारद शिवलिंग को जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान कराते समय कम से कम 108 बार ‘नम: शिवाय ओम नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करने से हर काम सिद्ध हो जाता है।

– सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए वैशाख के हर सोमवार को आंकड़े के फूलों की माला बनाकर शिवलिंग पर चढ़ानी चाहिए।
– वहीं हर काम की सिद्धि के लिए बेलपत्र Belpatra पर चंदन से ओम नम: शिवाय या श्रीराम लिखकर इन पत्तों की माला को शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
– इसके अलावा अपनी किस्मत बदलने के लिए जल चढ़ाते समय शिवलिंग को हथेलियों से रगडऩा चाहिए।

शिवपुराण ShivPuran में बिल्व वृक्ष को महादेव Mahadev का ही रूप माना गया हैं। ऐसे में शुभ फल की प्राप्ति के लिए वैशाख के सोमवार से बिल्व वृक्ष की पूजा शुरु कर इस पर फूल, कुमकुम, प्रसाद आदि चीज़ें चढ़ानी चाहिए। साथ ही बिल्व वृक्ष के नीचे दीपक जलाना भी मंगलकारी माना जाता है।

विवाह और वैवाहिक जीवन से जुडी समस्याओं को खत्म करने के लिए वैशाख के सोमवार को जल में केसर मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।

माना जाता है कि इस माह में शिवलिंग पर रोज़ धतूरा चढ़ाने से संतान से जुडी समस्या दूर होती है।

यह भी माना जाता है कि वैशाख के किसी भी सोमवार को पानी में दूध और काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से बीमारियों के कारण आने वाली परेशानियां खत्म होती हैं।

साथ ही शनि दोष और रोग को खत्म करने के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इसमें काले तिल मिलाने चाहिए। जबकि लंबी उम्र के लिए शिवलिंग पर रोज दूर्वा चढ़ानी चाहिए।

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