जिले में जिला मुख्यालय सहित छोटे-बड़े करीब 80 मेरिज होम हैं। इस बार अप्रेल व मई माह में करीब 15 सावे हैं। इनमें से अधिकांश औसत दस शादियों के लिए बुकिंग तय हो गई थी। लेकिन जैसे ही राज्य सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पचास व्यक्तियों की संख्या निर्धारित की है, वैसे ही आयोजकों ने शादियों की बुकिंग निरस्त करना शुरू कर दिया है। एक अनुमान के मुताबिक इस दौरान करीब 800 शादियों में से 500 शादियों की बुकिंग निरस्त हो गई हैं।
मेरिज होम संचालकों की मानें तो मेरिज होम से शादी निरस्त होने के चलते एक शादी में करीब तीन लाख रुपए का कारोबार प्रभावित होता है। मेरिज होम की राशि तो घटती ही है, साथ ही कैटरिंग, मजदूरी, लाइटिंग, डेकोरेशन, बैण्ड बाजा, हलवाई सहित अन्य छोटी-मोटी व्यवस्थाएं भी निरस्त कर दी जाती है।
बैण्ड वालों की रोजी-रोटी पर संकट
मेरिज होम संचालकों को भी इस बार बड़ी संख्या में बुकिंग होने से कमाई की आस बंधी थी, लेकिन ऐनवक्त पर कोरोना संक्रमण बढऩे के कारण उनके अरमानों पर भी पानी फिर गया है। लेकिन उनका दुख इस बात को लेकर और है कि सरकार की ओर से उन पर लगाए गए टैक्स में कोई कमी नहीं की जा रही है। ऐसे में एक ओर आय नहीं हो रही है, तो दूसरी ओर टेक्स भी भरना मजबूरी है। इससे उन पर दोहरी मार पड़ रही है।
आयोजक भी मायूस
शादी-विवाह समारोह में संख्या सीमित करने के कारण शादी आयोजक भी मायूस हैं। उन्होंने भी अरमानों से धूमधाम से शादी करने का मन बनाकर लाखों रुपए के मेरिज होम, बड़ी संख्या में लोगों का खाना, बैण्ड बाजे सहित अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च कर दिया। लेकिन अब छोटे व सादे समारोह में ही शादी करनी पड़ रही है। ऐसे में साई पेटे दी गई राशि भी डूब रही है।
इनका कहना है
जिले में करीब 80 मेरिज होम में से अप्रेल व मई माह में औसत 800 शादियों में पांच सौ शादियों की बुकिंग निरस्त हो गई है। प्रत्येक शादी में करीब 3 लाख का कारोबार प्रभावित होता है तो करीब 15 करोड़ का व्यवसाय का फटका लगा है। वहीं मेरिज होम को सरकार से टेक्स में कोई राहत नहीं है।
विमल भार्गव, अध्यक्ष, सामाजिक समारोह स्थल प्रदाता समिति जिला धौलपुर।