चम्बल में उफान, जिले में बाढ़, बचाव व राहत कार्य जारी
धौलपुर. चम्बल नदी में आया उफान भले ही धीरे-धीरे कम हो रहा हो, लेकिन जिले में बाढ़ से लोग बेहाल है। अब भी गांवों में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। दर्जनों गांवों का सम्पर्क कटा हुआ है। खेत जलमग्न हैं। स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने दो आरएएस अधिकारियों संजय शर्मा तथा बलवंत सिंह लिग्री को धौलपुर भेजा है।
धौलपुर•Sep 19, 2019 / 03:57 pm•
Naresh
चम्बल में उफान, जिले में बाढ़, बचाव व राहत कार्य जारी
चम्बल में उफान, जिले में बाढ़, बचाव व राहत कार्य जारी दो मीटर उतरी चम्बल, लेकिन बाढ़ से बेहाल
आपदा प्रबंधन के लिए सरकार ने दो आरएएस अधिकारी धौलपुर भेजे
धौलपुर. चम्बल नदी में आया उफान भले ही धीरे-धीरे कम हो रहा हो, लेकिन जिले में बाढ़ से लोग बेहाल है। अब भी गांवों में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। दर्जनों गांवों का सम्पर्क कटा हुआ है। खेत जलमग्न हैं। स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने दो आरएएस अधिकारियों संजय शर्मा तथा बलवंत सिंह लिग्री को धौलपुर भेजा है।
चम्बल का जलस्तर 144.40 से दो मीटर घटकर 142.40 मीटर हो गया है। लेकिन खतरे के निशान से अभी 13 मीटर ऊपर चल रही है। सिंचाई विभाग के अभियंताओं के अनुसार गांवों में भरे पानी को उतरने में करीब एक सप्ताह लग जाएगा। वहीं गांवों में बेघर हुए लोगों को जनप्रनिधियों की ओर से ही भोजन-पानी की व्यवस्था की जा रही है। भमरौली गांव से बुधवार दोपहर को एक बीमार महिला को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर राजकीय सामान्य चिकित्सालय धौलपुर पहुंचाया। वहीं भमरौली, सहानपुर, घेर, तिघरा आदि गांवों को सम्पर्क कटा हुआ है। राजाखेड़ा, बाड़ी, सरमथुरा व धौलपुर के 14 पंचायतों के 69 गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हंै। दो दर्जन से अधिक गांवों को खाली कराया जा चुका है। वहीं प्रशासन की ओर से भी लगातार मोनिटङ्क्षरग की जा रही है।
इधर, राहत कार्य शुरू करने के निर्देश
सरमथुरा. जिला कलक्टर के आदेश पर उपखण्डाधिकारी ने क्षेत्र के समस्त अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अपने विभाग के कार्यानुसार पीडि़तों को राहत प्रदान करने एवं प्रतिदिन शाम 5 बजे तक इसकी रिपोर्ट उपखण्ड एवं जिला कार्यालय में भेजने के निर्देश
दिए हंै।
तहसीलदार सरमथुरा को विभागवार सभी कार्यो की मॉनिटरिंग करने के लिए निर्देशित किया है। ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रभावित क्षेत्र में एक चिकित्सक के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम के साथ दवाएं, टीकाकरण, कीटनाशक का छिड़काव आदि मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने, सहायक अभियंता सानिवि को प्रभावित क्षेत्रों
में सड़क मार्ग दुरस्त कराने, सहायक अभियंता जेवीवीएनएल को सुरक्षित विद्युत आपूर्ति कराने, सहायक अभियंता पीएचईडी को शुद्ध व स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, पशु चिकित्सक को पशुओं के लिए दवाएं-चारा आदि एवं विकास अधिकारी को प्रभावित क्षेत्र में किए जाने वाले राहत कार्य एवं प्रवर्तन निरीक्षक रसद विभाग को खाद्य सामग्री वितरण आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है।