धौलपुर शहर के पास से तीन नेशनल हाइवे गुजरते हैं। इनमें से एनएच 44 और एनएच11बी तो शहर से होकर ही गुजरते हैं। वहीं, थोड़ी दूरी से ही एनएच 123 भी गुजरता है। ऐसे में नशे में वाहन चलाने वालों की वजह से रात में वाहन लेकर निकलना खतरे से भरा हो गया है। पुलिस की ओर से पिछले माह एक रात के अभियान में ही 78 लोगों को नशे की हालत में वाहन चलाते पकड़ा गया था। जब एक दिन के अभियान में ही यह हालात हैं तो, अन्य दिनों का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
एक ही रात में पकड़े थे 78 पुलिस की ओर से जिलेभर में 17 मई को शाम सात बजे से लेकर देररात 11 बजे तक अभियान चलाया गया था। तब एक रात में ही सभी थानों एवं यातायात पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर सघन चैकिंग के दौरान ब्रेथ एनालाइजर से परीक्षण कर कुल 78 नशेड़ी वाहन चालकों को गिरफ्तार कर वाहनों को 185 मोटर व्हीकल एक्ट में जब्त किया था। इनमें 74 दोपहिया वाहन चालक और 4 चौपहिया वाहन चालक शामिल थे।
प्रत्येक थानों में ब्रेथ एन्हलाइजर की सुविधा शराब पीकर वाहन चलाने वालों की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय से प्रत्येक थानों में ब्रेथ एन्हलाइजर मशीन दी गई है। ट्रैफिक पुलिस के पास भी ब्रेथ एन्हलाइजर है। जिसकी मदद से किसी भी वाहन चालक की मौके पर जांच की जा सकती है। वहीं, अस्पताल ले जाकर रक्त जांच से भी नशे में वाहन चलाने की जांच कराई जाती है।
185 एमवी एक्ट में क्या है प्रावधान किसी व्यक्ति के खून में अल्कोहल की मात्रा का विश्लेषण करने के लिए ब्रेथ एन्हलाइजर का उपयोग किया जाता है। प्रति 100 मिलीलीटर खून में 30 मिलीग्राम से अधिक अल्कोहल पाया जाता है तो वह व्यक्ति नशे में वाहन चलाने या प्रभाव में ड्राइविंग करना माना जाता है। ड्रग्स के सेवन में भी यही मापदण्ड लागू होता है। ऐसे व्यक्ति को वाहन चलाने असमर्थ और नियम तोडऩे वाला माना जाता है।
होटल-ढाबों से निकलने वालों चालकों की अनदेखी रात होते ही होटल-ढाबों में मयखाने सज जाते हैं। पार्टियों में भी शराब का सेवन होता है। वहीं, बार व बीयर बार व शराब की दुकानों पर भी यही हालात हैं। देर रात सभी वाहन लेकर गंतव्य के लिए निकलते हैं। अधिकांश चालक नशे में होते हैं। पुलिस व यातायात पुलिस यदि होटल-ढाबों के बाहर देर रात कार्रवाई करे तो शराब पीकर वाहन चलाने पर कुछ हद तक अंकुश लग सकता है।
10 हजार रुपए तक जुर्माना एमवी एक्ट 2016 के संशोधन अधिनियम के तहत शराब पीकर वाहन चलाने पर जुर्माना राशि दो हजार रुपए से बढ़ाकर दस हजार रुपए की गई है। साथ ही वाहन भी जब्त किया जाता है। हालांकि ड्रंक एण्ड ड्राइव का चालान बनाए जाने पर संबंधित कोर्ट ही जुर्माना राशि तय करता है।