scriptअब ऐप के जरिए लगाएंगे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया पर लगाम | Electrical wires are melting due to heat and overload, corporation is alerted on power theft. Now dengue, malaria and chikungunya will be controlled through app. Electrical wires are melting due to heat and overload, corporation is alerted on power theft. | Patrika News
धौलपुर

अब ऐप के जरिए लगाएंगे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया पर लगाम

धौलपुर. प्रदेश में मच्छरजनित बीमारियों पर लगाम लगाने के लिए चिकित्सा विभाग लगातार प्रयासरत है। इस कड़ी में एक कदम आगे बढ़ाते हुए अब विभाग टेक्नोलॉजी का भी सहारा लेगा। जिससे बदलते समय में मच्छर से होने वाली बीमारियों को आसानी से पता लगा सकेंगे।

धौलपुरMay 19, 2024 / 06:25 pm

Naresh

अब ऐप के जरिए लगाएंगे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया पर लगाम Now we will control dengue, malaria and chikungunya through the app
धौलपुर. प्रदेश में मच्छरजनित बीमारियों पर लगाम लगाने के लिए चिकित्सा विभाग लगातार प्रयासरत है। इस कड़ी में एक कदम आगे बढ़ाते हुए अब विभाग टेक्नोलॉजी का भी सहारा लेगा। जिससे बदलते समय में मच्छर से होने वाली बीमारियों को आसानी से पता लगा सकेंगे।केन्द्र सरकार की ओर से इस वर्ष मच्छर जनित बीमारियों के अधिक प्रसार की आशंका के बाद चिकित्सा विभाग ने ओडीके ऐप (ओपन डाटा किट) का दामन थामा है। इस ऐप से स्वास्थ्य विभाग को मच्छरों से होने वाली बीमारियों का पता लगाने में आसानी होगी। इस प्रक्रिया से अब मौसमी बीमारियों की मॉनिटरिंग विभाग के द्वारा ओडीके ऐप से कराई जाएगी। इससे जिलेभर में मौसमी बीमारियों की स्थिति की रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी और बचाव एवं रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाए जा सकेंगे।
मौसमी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण की कवायदचिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि मच्छरजनित बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया की तीव्रता प्राय: बारिश के प्रारंभ जुलाई-अगस्त से लेकर अक्टूबर-नवबर तक रहती है। मौसमी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण की दृष्टि से विभाग ने तकनीक के उपयोग पर जोर दिया है। जिससे लगाम लग सके।इनकी रहेगी जिमेदारी
फील्ड में भ्रमण के दौरान मच्छर के प्रजनन स्थानों की पहचान कर फोटो लेने का कार्य एएनएम, आशा, सीएचओ, एमपीडब्ल्यू, डीबीसी वर्कर, ब्लॉक स्तर से बीपीएम, ब्लॉक सुपरवाइजर, बीसीएमओ, जिला स्तर से एन्टोमोलोजिस्ट, वीबीडी कन्सलटेन्ट, एपिडेमियोलोजिस्ट, डिप्टी सीएमएचओ, सीएमएचओ, जोन एवं राज्य स्तरीय अधिकारी की ओर से किया जाएगा। जिन्हें फोटो लेकर संबंधित विभाग को भेज सकेंगे
नगर परिषद और पंचायतों को लेना होगा एक्शन

विभाग ओडीके ऐप (ओपन डाटा किट) की ओर से मच्छर जनित बीमारियों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग करेगा। ऐप से मच्छर के प्रजनन व लार्वा पाये जाने वाले स्थानों की फोटो लेकर स्वायत्त शासन विभाग या पंचायती राज विभाग को भेजना होगा। फोटो मिलने के बाद संबंधित विभाग उन स्थानों पर एंटी लार्वा एवं मच्छर रोधी गतिविधियां कर आमजन को बीमारियों से बचाएंगे।
इन स्थानों की भेजनी होंगी तस्वीरे

मच्छर प्रजनन के सभावित स्थान सडक़ पर पड़ा हुआ कचरा, नाली में सफाई के अभाव में ठहरा पानी, गड्ढ़ों में भरा पानी, खाली प्लॉट में कचरा, पानी, तालाब, पोखर में कचरा, घर के बाहर पानी के अन्य स्त्रोत टंकी आदि के भेजनी होगी।

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