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धौलपुर

प्रशिक्षण, डीपीसी और स्थानांतरण के फेर में उलझा प्रवेशोत्सव

– प्रवेशोत्सव के दौर में तीन तरह के कार्यक्रम, कैसे बढ़ेगा नामांकन
धौलपुर. शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के प्रवेशोत्सव कार्यक्रम को प्रशिक्षण, डीपीसी और स्थानांतरण के फेर में उलझा दिया है। इस तरह के कार्यक्रम के चलते शिक्षकों का आत्मविश्वास भी कम हो रहा है, जिसका प्रवेशोत्सव

धौलपुरJun 28, 2022 / 07:56 pm

Naresh

Entrance festival entangled in the process of training, DPC and transfer

प्रशिक्षण, डीपीसी और स्थानांतरण के फेर में उलझा प्रवेशोत्सव

प्रशिक्षण, डीपीसी और स्थानांतरण के फेर में उलझा प्रवेशोत्सव

– प्रवेशोत्सव के दौर में तीन तरह के कार्यक्रम, कैसे बढ़ेगा नामांकन

धौलपुर. शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के प्रवेशोत्सव कार्यक्रम को प्रशिक्षण, डीपीसी और स्थानांतरण के फेर में उलझा दिया है। इस तरह के कार्यक्रम के चलते शिक्षकों का आत्मविश्वास भी कम हो रहा है, जिसका प्रवेशोत्सव जैसे कार्यक्रम पर असर पडऩा तय है। बड़ी वजह यह है कि सत्र की शुरूआत के साथ ही सरकार ने स्थानांतरणों का पिटारा खोलने की तैयारी कर ली है। साथ ही डीपीसी की प्रक्रिया शुरू की गई है। सोमवार से शिक्षकों के प्रशिक्षण भी शुरू किए गए हैं। जो पूरे जुलाई माह तक चलेंगे। ऐसे में प्रवेशोत्सव के दौर में तीन तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जो प्रवेशोत्सव में बाधा बनेंगे।
विभाग ही कर रहा ढांचे को कमजोर

विभाग का हर कार्यक्रम एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। लेकिन एक निश्चित क्रम के अनुसार सबसे पहले डीपीसी की प्रक्रिया होनी चाहिए थी। उसके बाद स्थानांतरण होने चाहिए। जिससे पीछे से पद खाली न रहे। लेकिन विभाग इन पर चिंतन किए बिना कार्यक्रम जारी कर रहा है। इससे शिक्षा विभाग का ढांचा भी लगातार कमजोर हो रहा है। क्योंकि हर समय शिक्षक पर डीपीसी व तबादलों की तलवार लटकी रहती हैं। जिससे आम शिक्षकों में अस्थिरता का भाव उत्पन्न हो रहा है। प्रदेश में इस बार सरकारी स्कूलों के नामांकन पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।
जिले में सात हजार शिक्षक

जिले में प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा को मिलाकर करीब सात हजार शिक्षक हैं। इनमें से तीन हजार को प्रशिक्षण दिया जाना है। विभाग एक बार में 900 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए बुला रहा है। चार बार में यह प्रशिक्षण पूरा होगा।
कैसे पूरा हो नामांकन में एक करोड़ का लक्ष्य

प्रदेश में नामांकन का आंकड़ा 99.5 लाख तक पहुंच गया। हर शिक्षक और अभिभावक में अंकों को देखकर यह लक्ष्य निर्धारित किया कि सत्र 2022-23 में इस आंकड़े को एक करोड़ के पार किया जाएगा। लोगों में नया जोश और उत्साह था। लेकिन, शिक्षा विभाग ने इस प्रवेशोत्सव को प्रशिक्षण, स्थानांतरण और डीपीसी की भेंट चढ़ा दिया है। ऐसे हालात में यह आशंका हो रही है कि प्रदेश नामांकन का करोड़पति बनने के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएगा।
इनका कहना है

यह समय नामांकन बढ़ाने का है। ऐसे वक्त में प्रशिक्षण आदि रख कर इसे प्रभावित किया जा रहा है। वहीं, शिक्षकों पर तबादले की तलवार भी लटकी है। इसका प्रभाव प्रवेशोत्सव पर पडऩा तय है। अधिकारियों को इस वक्त नामांकन पर ही ध्यान देना चाहिए।
– राजेश शर्मा, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ

प्रशिक्षण हर वर्ष होता है। प्रशिक्षण के लिए एक बार में सिर्फ 900 टीचर्स को बुलाया जा रहा है। शेष नामांकन बढ़ाने का कार्य करेंगे। जिन स्कूलों में एक ही अध्यापक है उसे फिलहाल प्रशिक्षण से अलग रखा गया है।
– मुकेश गर्ग, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी धौलपुर

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