होली पर्व पर जहां लोगों ने जमकर पानी और रंगों की होली खेली तो वहीं विभिन्न प्रकार के पकवान का आनंद भी लिया। इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ा। होली पर पानी में भीगने के कारण लोग सर्दी, जुकाम और बुखार की चपेट में आए। इसके अलावा कई बच्चे, युवा और बुजुर्ग पेट दर्द और दस्त की समस्या से ग्रसित रहे हैं। बुधवार को जिला अस्पताल के पंजीकरण काउंटर पर सुबह 9 बजे से ही लाइन लगनी शुरू हो गई थी। जो दोपहर एक बजे तक बनी रही। वहीं मौसम का मिजाज बदलने और होली पर बने पकवानों का सेवन लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रहा है। ओपीडी में 1589 ने पंजीकरण कराया। जिसमें से 210 मरीज भर्ती है। इन मरीजों में 345 डायरिया, पेट दर्द, सांस की दिक्कत से पीडि़त पाए गए। इधर रंगों के खेलने से हुई एलर्जी के भी अस्पताल में मरीज पहुंचे। शरीर में दर्द, सर्दी-खांसी, जुकाम आदि के मरीजों की बढ़ती संख्या देखी गई। चिकित्सकों ने उपचार के साथ-साथ खानपान में बेहद सावधानी बरतने की अपील की गई।
यह भी ध्यान रखे- शुद्ध और उबालकर ही पानी पिएं, ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम खाने से बचें। संतुलित आहार का सेवन करें, स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें, मच्छरदानी का प्रयोग करें, बाजार में खुले और कटे हुए फलों का सेवन न करें। तीखा, तला-भुना खाने से परहेज करें। जरा भी दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाकर उपचार ले।
असंतुलित खान पान से पेट दर्द और डायरिया की समस्या आ जाती है। होली पर खान-पान की समस्या के मरीजों की संख्या पहले से कुछ ज्यादा हुई है। इसमें डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी है। स्वास्थ्य को प्रति सजग रहने की जरूरत है।
– डॉ. दीपक जिंदल, सीनियर फिजीशियन जिला अस्पताल धौलपुर