scriptकोरोना के साए में मनाई गई कृष्ण जन्माष्टमी,पहली बार मंदिरों में नहीं उमड़ी भीड | Krishna Janmashtami celebrated in the shadow of Corona, for the first | Patrika News
धौलपुर

कोरोना के साए में मनाई गई कृष्ण जन्माष्टमी,पहली बार मंदिरों में नहीं उमड़ी भीड

धौलपुर. जिले में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व कोरोना के साए मनाया गया। प्रमुख मंदिरों में न तो सजावट की गई और ना ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा हुआ। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है, जब जन्माष्टमी पर्व पर ही कई कृष्ण मंदिरों के पट ही बंद रहे। वहीं तीर्थराज मुचुकुण्ड स्थित लाडली जगमोहन मंदिर में फूल बंगला झांकी सजाई गई, लेकिन श्रद्धालुओं को प्रवेश की मनाही कर दी गई।

धौलपुरAug 13, 2020 / 12:11 pm

Naresh

 Krishna Janmashtami celebrated in the shadow of Corona, for the first time the temples did not rush

कोरोना के साए में मनाई गई कृष्ण जन्माष्टमी,पहली बार मंदिरों में नहीं उमड़ी भीड

कोरोना के साए में मनाई गई कृष्ण जन्माष्टमी,पहली बार मंदिरों में नहीं उमड़ी भीड

धौलपुर. जिले में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व कोरोना के साए मनाया गया। प्रमुख मंदिरों में न तो सजावट की गई और ना ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा हुआ। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है, जब जन्माष्टमी पर्व पर ही कई कृष्ण मंदिरों के पट ही बंद रहे। वहीं तीर्थराज मुचुकुण्ड स्थित लाडली जगमोहन मंदिर में फूल बंगला झांकी सजाई गई, लेकिन श्रद्धालुओं को प्रवेश की मनाही कर दी गई। वहीं मुख्य द्वार को प्रशासन ने बंद करा दिया। श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया। वहीं मुचुकुण्ड मार्ग पर भी आईटीआई के पास पुलिस जाप्ता तैनात रहा। साथ ही राधाबिहारी मंदिर के पट बंद रहे, लेकिन वहां पर भी पुलिस तैनात की दी गई। जिससे कोई भी श्रद्धालु वहां पर प्रवेश नहीं कर सके। हालांकि पुरानी छावनी स्थित कृष्ण मंदिर में श्रद्धालुओं को कम ही संख्या में प्रवेश दिया गया, जहां पर पहले सैनेटाइज किया गया। एक तरफ से श्रद्धालु अंदर आए और दूसरे मार्ग से सोशल डिस्टेंसिग रखते हुए बाहर निकले। इस दौरान दिन श्रद्धालुओं ने घरों पर उपवास रखा। मंदिरों में प्रवेश पर पाबंदी के चलते श्रद्धालुओं ने घर पर लड्डू गोपाल जी का जन्मोत्सव मनाया। हालांकि मंदिरों में पुजारियों ने कान्हा का पंचामृत से अभिषेक किया। घंटी-झालरों से पूजा की और आरती उतारी। इसके बाद वहां मौजूद समिति पदाधिकारियों को प्रसादी का वितरण किया गया। इस दौरान आधी रात को तारणहार कान्हा ने जन्म लिया। इस दौरान सभी श्रद्धालुओं ने एक ही कामना की, कि दुनिया से कोरोना का कहर को खत्म कर दिया जाए, जिसके कारण वे मंदिरों तक नहीं जा पाए हैं। इस दौरान लोगों ने दही पंजीरी का भोग लगाया और फिर उपवास खोला। उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय सहित जिले भर में बड़ी संख्या में स्थित कृष्ण मंदिरों में धूमधाम से जन्माष्टी मनाई जाती है। लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते राज्य सरकार व प्रशासन की ओर से भीड़ नहीं करने के निर्देशों के कारण श्रद्धालुओं ने घर में ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया।
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