इससे गुस्साए परिषद कार्मिकों ने नगरपरिषद कार्यालय के ताला ठोक दिया और धरने पर बैठ गए। साथ ही जिला कलक्टर नेहा गिरी व पुलिस अधीक्षक अजयसिंह को मामले से अवगत कराया और ज्ञापन सौंपा। इसके बाद कोतवाली थाने में परिषद जमादार मोहनसिंह थनवार तथा परिषद आयुक्त सौरभ जिंदल की ओर से अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
यह था मामला
कोर्ट परिसर में आए दिन सडक़ पर गंदगी तथा सीवर चैम्बरों से पानी ओवरफ्लो की समस्या रहती है। इस समस्या समाधान के लिए अधिवक्ताओं ने गुरुवार सुबह करीब 11 बजे कोर्ट परिसर से निकल रहे मार्ग पर जाम लगा दिया। इस पर नगरपरिषद से सकिंग मशीन (पानी खींचने की मशीन) तथा सफाई कर्मचारी मौके पर पहुंच गए।
साथ ही सफाई निरीक्षक पहुंचे तो अधिवक्ताओंं ने उन्हें वहां से भगा दिया और आयुक्त को ही मौके पर भेजने की बात कही। इस पर आयुक्त सौरभ जिंदल जैसे ही कार से मौके पर पहुंचे तो अधिवक्ता जेपी त्यागी ने उन्हें कार से नीचे खींच लिया और अभद्रता करते हुए मारपीट की। इसके बाद अधिवक्ता ओमप्रकाश त्यागी गिरेबां पकड़ कर खींचते हुए सडक़ पर भरे सीवर के पानी में ले गए और उसमें गिरा दिया।
इस दौरान मुक्के मारे और मारपीट की। साथ ही राजकार्य में बाधा पहुंचाई। इसके अलावा सरकारी दस्तावेज तथा डायरी फाड़ दी। इसी प्रकार सफाई जमादार मोहन सिंह थनवार ने प्राथमिकी में बताया कि आयुक्त के निर्देश पर वे तथा कार्यवाहक सफाई जमादार रामप्रकाश, विनोद, महेन्द्र व सफाई निरीक्षक प्रकाश श्रीवास्तव कचहरी पसिर में बंद सीवर लाइन का मौका देखने पहुंचे।
साथ ही सकिंग मशीन को भी पहुंचा दिया। इस दौरान पहुंचते ही अधिवक्ता जेपी त्यागी व ओमप्रकाश त्यागी ने सफाई निरीक्षक को गालियां देते हुए धक्का देते हुए हटा दिया। साथ ही अन्य सफाई कर्मचारियों को भी जाति ***** शब्दों से अपमानित करते हुए हाथपैर तोडऩे की धमकी दी।
इनका कहना है
सफाई जमादार मोहन सिंह तथा आयुक्त नगरपरिषद सौरभ जिंदल की ओर से दी गई प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। साथ ही अनुसंधान शुरू कर दिया गया है।
एनके मीणा कोतवाली थाना प्रभारी
अधिवक्ताओं ने आयुक्त को समस्या बताई थी, उनके साथ कोई मारपीट नहीं की गई।
राजवीर सिंह हसेलिया, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन, धौलपुर।