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धौलपुर

जिले में तीसरी बार टिड्डी दल ने बोला हमला, पहली बार पूरे जिले को पार कर एमपी में घुसा

लपुर. जिले में बुधवार को लगातार तीसरे दिन तीसरे टिड्डी दल हमला बोला। पहली बार टिड्डी दल पूरे जिले को पार करते हुए मध्यप्रदेश की सीमा में घुसा। जबकि पहले दो बार आए टिड्डी दल जिले की सीमाओं को छूते हुए मध्यप्रदेश की सीमाओं में घुस गया। लेकिन इस बार आए टिड्डी दल ने

धौलपुरMay 27, 2020 / 08:21 pm

Naresh

 Locust party attacked for the third time in the district, crossed the entire district for the first time and entered the MP

जिले में तीसरी बार टिड्डी दल ने बोला हमला, पहली बार पूरे जिले को पार कर एमपी में घुसा

जिले में तीसरी बार टिड्डी दल ने बोला हमला, पहली बार पूरे जिले को पार कर एमपी में घुसा

– किसानों की सजगता आई काम, ध्वनि, धुएं से भगाया
– नहीं डाल पाई डेरा, अधिक नुकसान नहीं
धौलपुर. जिले में बुधवार को लगातार तीसरे दिन तीसरे टिड्डी दल हमला बोला। पहली बार टिड्डी दल पूरे जिले को पार करते हुए मध्यप्रदेश की सीमा में घुसा। जबकि पहले दो बार आए टिड्डी दल जिले की सीमाओं को छूते हुए मध्यप्रदेश की सीमाओं में घुस गया। लेकिन इस बार आए टिड्डी दल ने किसानों के अलावा प्रशासन तथा कृषि विभाग के अधिकारियों को चिंता में डाल दिया। लेकिन निगरानी दलों तथा टिड्डी नियंत्रण दलों के अलावा किसानों की सजगता भी इस बार काम आई। जैसे ही टिड्डी दल उनके खेतों व गांवों के ऊपर पहुंचा, वैसे ही किसानों ने थाली, बर्तन, पीपे पीटना शुरू कर दिया। वहीं कई जगह धुआं करके टिड्डियों को भगााया। इस कारण
अधिक देर तक वह किसी खेत में नहीं बैठ पाई। इस कारण जिले में अधिक नुकसान नहीं हुआ। हालांकि कुछ खेतों में हरे चारा, बागों में हरे पेड़ों, जंगलों में बबूल व पीपल के पेड़ों की पत्तियों का चट किया। वहीं कुछ पेड़ों की डालियां तो टिड्डियों के वजन से ही टूट गई।
रात भर जंगलों में घूमे कृषि विभाग के अधिकारी

मंगलवार रात को टिड्डी दल ने जिले में करौली की सीमा से बथुआपुरा होते हुए प्रवेश किया। इस दौरान दल ने बड़ापुरा, रिझौनी होते हुए जंगलों में पड़ाव डाल लिया। इसकी सूचना निगरानी दलों तथा टिड्डी नियंत्रण दल को लगी तो उन्होंने उच्चाधिकारियों को सूचना दी। इस पर कृषि उपनिदेशक, कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी सहित निगरानी दल सात बजे से लेकर रात साढ़े दस बजे तक रिझौनी, डोमरी, चन्द्रावली, खरगपुरा के जंगलों में टिड्डी दल की लोकेशन लेता रहा, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पाई। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को टिड्डियों को भगाने तथा उनसे फसलों से बचाव के लिए भी पर्चे वितरित किए।

यूं शुरू हुआ टिड्डियों का हमला

कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार सुबह तीसरे दल के आने की सूचना मिली। यह टिड्डी दल जयपुर, दौसा होते हुए बसेड़ी क्षेत्र में घुसा। सबसे पहले टिडडी दल बसेड़ी के जसौरा, बांसपुरा, जम्बोरा गांव में करीब आठ बजे दिखाई दिया। इस पर कृषि विभाग सहित राजस्व विभाग व निगरानी दल सक्रिय हो गए। उन्होंने ग्रामीणों को सूचना कर दी। साथ ही ध्वनि व धुएं से भगाने की बात कही। इसके बाद कुछ देर बीस से पच्चीस मिनट तक हरे पेड़ों पर पड़ाव डालने के बाद फिर से टिड्डी दल ने उड़ान भरी। इस दौरान तेज धूप तथा हवा का वेग अधिक होने के कारण टिड्डी करीब २० किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से उड़ रही थी। इस दौरान टिड्डी साढ़े दस बजे बाड़ी के कुछ गांवो को पार करते हुए सैपऊ के जाखी, माफलपुरा, पुरैनी होते हुए पचगांव पहुंच गई। यहां पर एक निजी कोल्ड स्टोर के पास बने बाग में डेरा डालने का प्रयास किया। इस पर कोल्ड के कर्मचारियों ने धुआं करके टिड्डियों को भगाया। साथ ही आसपास के ग्रामीणों ने थाली, पीपे पीटना शुरू कर दिया। हालांकि कुछ हरियाली को चट कर दिया। इसके बाद दल औंडेला, सदर थाने होते हुए राजाखेड़ा सीमा में प्रवेश कर गया। जहां पर भैसाख, जाटोली, समौला, चीलपुरा, महदपुरा होते हुए चम्बल पार मध्यप्रदेश की सीमा पर पहुंच गया। राजाखेड़ा क्षेत्र में अधिक नुकसान नहीं हुआ।
करोड़ों में थी संख्या

कृषि विभाग के अनुसार टिड्डी दल का फैलाव दो किलोमीटर चौड़ा तथा पांच किलोमीटर लम्बाई में था। अधिकारियों के अनुसान एक वर्ग किलोमीटर में करीब ८ करोड़ टिड्डियों की संख्या का पैमाना है। इसके चलते जिले में घुसने वाली टिड्डियों की संख्या करोड़ों में थी।
इनका कहना है

जिले में बुधवार सुबह तीसरा और अब तक का सबसे बड़ा टिड्डी दल घुसा। पहली बार पूरे जिले को पार करते हुए मध्यप्रदेश की सीमा में पहुंच गया। हालांकि अभी और भी दलों की आने की सूचना है। जिला कलक्टर की ओर से गठित निगरानी व नियंत्रण दलों के साथ किसानों के सजग होने के कारण उन्हें ध्वनि व धुएं के माध्यम से भगा दिया। इस कारण जिले में अधिक नुकसान नहीं हुआ है। विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है।
डॉ. दयाशंकर शर्मा, उपनिदेशक, कृषि विस्तार, धौलपुर।

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