scriptकई गांव में एक मंजिल तक डूबे, ट्यूब के सहारे निकल रहे लोग | Many villagers drown to one floor, people coming out of the tube | Patrika News
धौलपुर

कई गांव में एक मंजिल तक डूबे, ट्यूब के सहारे निकल रहे लोग

कोटा बैराज सहित कालीसिंध नदी से लगातार छोड़े जा रहे पानी के बाद धौलपुर जिले में भयावह स्थिति बनती जा रही है। कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। चम्बल का जलस्तर वर्ष 1996 के बाद पहली बार 143 मीटर पर पहुंच चुका है। जो खतरे के निशान से 13 मीटर है।

धौलपुरSep 16, 2019 / 11:35 am

Mahesh gupta

कई गांव में एक मंजिल तक डूबे, ट्यूब के सहारे निकल रहे लोग

कई गांव में एक मंजिल तक डूबे, ट्यूब के सहारे निकल रहे लोग

झिरी, रजई कला गांव में सात से आठ फीट पानी भरा
143 मीटर पर पहुंचा चम्बल का गेज, वर्ष 1996 के बाद पहली बार हुआ है गेज
खतरे के निशान 129.70 से 13 मीटर ऊपर
धौलपुर. कोटा बैराज सहित कालीसिंध नदी से लगातार छोड़े जा रहे पानी के बाद धौलपुर जिले में भयावह स्थिति बनती जा रही है। कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। चम्बल का जलस्तर वर्ष 1996 के बाद पहली बार 143 मीटर पर पहुंच चुका है। जो खतरे के निशान से 13 मीटर है। इसके चलते चम्बल के तटवर्ती इलाकों के झिरी, शंकरपुरा, रजई खुर्द, चांडियानकापुरा, फरासपुरा, चीलपुरा सहित दो दर्जन से अधिक गांवों में पानी घुस गया है। लोग ट्यूब के सहारे निकल रहे हैं। वहीं कई गांवों में लोगों ने छतों पर शरण ली है। वहीं एक दर्जन से अधिक गांवों का सम्पर्क कट गया है। प्रशासनिक अधिकारी लगातार लोगों को रेस्क्यू कर रहे हैं। वहीं दवाई, भोजन की व्यवस्था की जा रही है। वहीं एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम भी सूचना मिलने पर तुरंत मौके पर पहुंच रही है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सुरेश मीणा ने बताया कि चम्बल का गेज वर्तमान में 143 मीटर पर है। यह गेज 144 मीटर तक पहुंच सकता है। इसके लिए विभाग सहित प्रशासनिक अधिकारी नजर बनाए हुए हंै।
जिले में 14 पंचायतों के 69 गांवों में बाढ़ का प्रभाव देखने को मिल सकता है। इन गांवों के स्कूलों में जिला शिक्षा अधिकारी ने अवकाश घोषित कर दिया है। वहीं आगामी आदेश तक स्कूल आने पर रोक लगा दी है। रजई कला में स्कूल में पानी भर गया है। उल्लेखनीय है कि किसी भी हालात से निपटने के लिए अलवर से सेना का एक कॉलम तथा मथुरा से एनडीआरएफ की एक टीम धौलपुर पहुंच चुकी है। वहीं जिला प्रभारी मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, जिला प्रभारी सचिव शुचि शर्मा तथा वरिष्ठ आईएएस व पूर्व में जिला प्रभारी सचिव रहे अभय कुमार ने जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया और जिला कलक्टर से तैयारियों का जायजा लिया।
जिला कलक्टर नेहा गिरी ने बताया कि चम्बल नदी में लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते तटवर्ती इलाकों के एक दर्जन से अधिक गांवों में पानी घुसने के कारण सम्पर्क कट गया है। इसके चलते राजाखेड़ा क्षेत्र के अण्डवा-पुरैनी, फरासपुरा, चांडियानकापुरा गांवों में लोगों को ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुंचाने के साथ भोजन वितरित करवाया गया है। साथ ही दवाइयों की व्यवस्था की गई है। क्षेत्र में एक गांव से प्रसूता को रेस्क्यू किया गया है।
जिले में बाढ़ से प्रभावित होने वाले 14 पंचायतों के 69 गांवों को चिह्नित किया गया है। हालांकि फिलहाल 49 ही ऐसे गांव हैं, जिनमें पानी जाने की संभावना है, जिनमें से एक दर्जन गांवों में पानी आ चुका है। कलक्टर ने बताया कि वे कोटा, सवाईमाधोपुर, मुरेना जिला कलक्टर से लगातार सम्पर्क में हैं। साथ ही कोटा बैराज से लगातार अपडेट ली जा रही है। प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। वहीं आर्मी, एनडीआरएफ , एसडीआरएफ की तीनों टीमों के जवानों को जगह-जगह ठहराया गया है, जिससे किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तुरंत रेस्क्यू किया जा सके। वहीं आपदा प्रबंधन विभाग को हवाई राहत के लिए सूचना दे दी गई है, जहां से परिस्थितियां विपरीत होते ही आगरा से हवाई सहायता उपलब्ध करा दी जाएगी।
67 गांवों में बिजली बंद, ग्रामीणों ने की केरोसिन की मांग
जिला कलक्टर ने बताया कि जिले में फिलहाल 67 गांव ऐसे हैं, जहां पर बिजली बंद हैं। इन ग्रामीणों ने केरोसिन की व्यवस्था करने की मांग की है। इसके लिए जिला रसद अधिकारी को निर्देशित किया गया है।
वहीं मगरमच्छों से निपटने के लिए वन अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।
वर्ष 1996 में पदस्थापित अधिकारियों से साधा सम्पर्क
कलक्टर ने बताया कि वर्ष 1996 में आई बाढ़ के दौरान स्थितियों से निपटने के दौरान पदस्थापित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से भी सम्पर्क साधा गया है। उनसे बिगड़ी स्थितियों के बारे में जानकारी लेने के साथ निपटने के लिए मार्गदर्शन लिया जा रहा है।
बरपुरा पंचायत के खेत जलमग्न
बाड़ी पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बरपुरा के गांवों में चम्बल का पानी घुसने से कई बीघा फसल जलमग्न हो गई। बरपुर सरपंच रेखा गुर्जर के प्रतिनिधि रामवकील ने बताया कि ग्राम पंचायत क्षेत्र के गंगौली, जनकपुरा, ढोयलाकापुरा का रास्ता बंद हो गया है। इस दौरान गांवों के मुखिया रामगोपाल बरपुरा, रामकिशन धनावली धर्मा, केदार, हरवीर गुर्जर ने लोगों को किनारे नहीं जाने के लिए सावचेत किया।
वहीं धौलपुर से बसई नीम को जाने वाली डामरीकृत सडक़ में कटाव हो गया। ग्राम ीणों की सूचना पर पहुंचे तहसीलदार चिंरजीलाल शर्मा ने मौका स्थिति का जाजया लिया। साथ ही विकास अधिकारी व उच्चाधिकारियों को अवगत कराया।
इनका कहना है
जिले में एक दर्जन गांवों में पानी घुसने के कारण सम्पर्क कट गया है। गांवों में भोजन-दवाई की व्यवस्था की गई है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। चम्बल किनारे जाने से बचें। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की पूरी तैयारी है।
नेहागिरी, जिला कलक्टर, धौलपुर।
चम्बल खतरनाक स्थिति में हैं। जिले में पानी बढऩे से बाढ़ के हालात हैं। गांवों का दौरा किया है। साथ ही प्रशासन को हर स्थिति से निपटने के निर्देश दिए हैं। सरकार आपदा प्रबंधन को लेकर गंभीर है।
विश्वेन्द्र सिंह, जिला प्रभारी मंत्री एवं पर्यटन मंत्री राजस्थान सरकार।

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