धौलपुर. सूर्य उपासना का पर्व रथ सप्तमी सोमवार को, मनाई जाएगी। रथ सप्तमी को अचला सप्तमी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान सूर्यनारायण की प्रिय धातु तांबे से बने छल्ले को गंगाजल से शुद्ध करके अनामिका उंगली में धारण किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से बार-बार स्वास्थ्य में आ रही समस्याएं खत्म होती हैं। सप्तमी तिथि 7 फरवरी को सुबह 04:37 बजे शुरू होगी, जो अगले दिन 8 फरवरी को सुबह 6:15 बजे समाप्त होगी। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:22 से सुबह 7:06 बजे तक रहेगा।
रथ सप्तमी का महत्व रथ सप्तमी पर सूर्य देव की पूजा के विधान है। ज्योतिष में सूर्य को प्रतिरक्षा का कारक माना गया है। ऐसे में इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर सूर्य देव को अघ्र्य अर्पित करने और पूजा करने से जातकों की स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं दूर होती हैं। जातक की प्रतिरक्षा में सुधार होता है और स्वस्थ शरीर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
यह उपाय करें रथ सप्तमी के दिन गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान का बहुत महत्व बताया गया है। यदि किसी पवित्र नदी में स्नान ना कर पाएं तो घर के पानी में ही कुछ बूंद गंगाजल की डाल कर उससे स्नान करने से भी लाभ मिलता है। इस दिन सूर्य देव को लाल रंग के फूल, लाल चंदन डालकर अघ्र्य देने से भी व्यक्ति को शुभ परिणाम मिलते हैं। रथ सप्तमी पर सूर्य बीज मंत्र की कम से कम एक माला अवश्य जपें। सूर्य देव को अनार और लाल रंग की मिठाइयां या फिर गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं।