शहर के पुराने जिला अस्पताल की ओपीडी गुरुवार से पूर्वतय बंद हो गई है। अब मरीजों को यहां पर ओपीडी में उपचार नहीं मिलेगा। इस अस्पताल को नए जिला अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। गुरुवार को ओपीडी में लंबी लाइन लग गई थी। अलग-अलग समस्याओं से पीडि़त लोगों उपचार लेने पहुंचे। ओपीडी काउंटर पर रजिस्टे्रशन कराकर चिकित्सकों से परामर्श लिया। नया अस्पताल शुरू हुआ लेकिन अव्यवस्थाओं का सामना मरीजों को यहां भी करना पड़ रहा है। पूछताछ केन्द्र पर कोई कर्मचारी नहीं होने से मरीजों को पर्चा बनबाकर चक्कर लगाने पड़ रहे है। परिसर में इधर से उधर डॉक्टर का कक्ष ही पता लगाते रहे। तब तक उनके पैरो का दर्द और बढऩे लगता है। जिससे वह थक पर फर्श पर बैठ गए।
सोनोग्राफी जांच का संकट हमेशा- स्वास्थ्य विभाग जिला अस्पताल में सभी जांच की सुविधा मिलने का दावा करता है। लेकिन जिला अस्पताल में हमेशा ही सोनोग्राफी जांच का संकट बना रहता है। महीने में केवल दो सप्ताह ही मरीजों को सोनोग्राफी जांच की सुविधा मिलती है। इसमें भी उनको एक महीने की वेटिंग का भी इंतजार करना पड़ता है। पुराने अस्पताल का सामान नए अस्पताल में शिफ्ट किया जा है। फिर जांच होना बंद हो गई है। यह सोनोग्राफी जांच मरीजों के लिए दुखदाई साबित हो रही है। प्रतिदिन ओपीडी में डाक्टर मरीजों की समस्या को देखकर सोनोग्राफी जांच लिख रहे है। लेकिन यहां पर ताला लगा हुआ है।
अगर लगे साइन बोर्ड से मिलेंगी मरीजों को राहत- नवीन जिला अस्पताल चार मंजिला का बना हुआ है। हर तल पर अलग-अलग वार्डों को बनाया गया है। लेकिन इसकी जानकारी नहीं होने से मरीजों को अस्पतला में प्रवेश करते ही जानकारी नहीं मिलती है। इसके लिए उन्हें इधर-उधर लोगों से पूछना पड़ रहा है। जिससे अन्य लोगों को भी अपडेट नहीं है। इसके चलते मरीजों को परेशानी होती है। अब अस्पताल प्रशासन साइन बोर्ड पर सभी जानकारी लिखाकर रजिस्टे्रशन काउंटर पर लगवाता हैं तो मरीजों को मदद मिलेगी।
नवीन अस्पताल में ओपीडी शुरू हो गई है। मरीजों को उपचार के साथ भर्ती भी किया जा रहा है। सोनोग्राफी जांच के लिए पत्र लिखा है। जल्द ही नए अस्पताल में शुरू हो जाएगी। सफाई को लेकर भी विशेष निर्देश दिए है।
– डॉ. विजय सिंह, पीएमओ जिला अस्पताल धौलपुर