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धौलपुर

इंडिया गेट, लाल किला के बाद नए संसद भवन में लगेगा धौलपुर का रेड डायमंड

बाड़ी. धौलपुर जिला भले ही विकास की दृष्टि में पिछड़ा हुआ है और यहां रोजगार के लिए पर्याप्त संसाधन भी नहीं है, लेकिन प्रकृति ने धौलपुर जिले को ऐसी धरोहर दी है, जो देश ही नहीं विदेशों में भी विख्यात है। वह है धौलपुर का लाल पत्थर। जिसे रेड डायमंड के नाम से भी जाना जाता है। इस पत्थर को एक बार फिर से देश की उस इमारत में लगाया जाएगा

धौलपुरJul 26, 2021 / 06:54 pm

Naresh

 Red Diamond of Dholpur will be installed in the new Parliament House after India Gate, Red Fort

इंडिया गेट, लाल किला के बाद नए संसद भवन में लगेगा धौलपुर का रेड डायमंड

इंडिया गेट, लाल किला के बाद नए संसद भवन में लगेगा धौलपुर का रेड डायमंड

बाड़ी. धौलपुर जिला भले ही विकास की दृष्टि में पिछड़ा हुआ है और यहां रोजगार के लिए पर्याप्त संसाधन भी नहीं है, लेकिन प्रकृति ने धौलपुर जिले को ऐसी धरोहर दी है, जो देश ही नहीं विदेशों में भी विख्यात है। वह है धौलपुर का लाल पत्थर। जिसे रेड डायमंड के नाम से भी जाना जाता है। इस पत्थर को एक बार फिर से देश की उस इमारत में लगाया जाएगा, जो देश के विकास का निर्धारण करती है। जहां देश के विभिन्न क्षेत्रो से चुनकर आए देश के विकास की योजनाओं को तैयार करते हैं। देश के सबसे अहम और प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नए संसद भवन जिसे सेंट्रल विस्टा नाम दिया गया है। उसमें धौलपुर का लाल पत्थर लगने जा रहा है। ऐसे में धौलपुर के लाल पत्थर को बनाने वाले कारीगर, पत्थर की खान में काम करने वाले मजदूर और पत्थर के व्यापारी और पत्थर उद्योग से जुड़ा हर तबका खुश नजर आ रहा है। खुद राजस्थान के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने इसे राज्य के लिए गर्व की बात बताया है।
व्यापारियों में खुशी
नए संसद भवन के लिए धौलपुर के पत्थर का सैंपल पास होने से यहां के व्यापारियों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है। धौलपुर में पत्थर के हब बाड़ी के पत्थर व्यवसाई मुन्ना लाल मंगल ने बताया कि धौलपुर के लाल पत्थर का इतिहास पुराना है। इसकी प्रकृति ऐसी है की यह ना तो जल्दी ठंडा होता है और ना ही जल्दी गर्म। पानी पडऩे पर इसमें निखार आता है। इस पत्थर में नक्काशी का काम बहुत सुंदरता से व आसानी से किया जाता है। यह लंबे समय तक चलने वाला बालुई पत्थर है। जो दिल्ली के लाल किला, संसद भवन, इंडिया गेट, अक्षरधाम मंदिर के साथ कई ऐतिहासिक और विश्व प्रसिद्ध इमारतों को दमका रहा है। वर्षो बाद भी आज भी सही हालत में है।
कोरोना महामारी से प्रभावित पत्थर उद्योग को जगी व्यवसाय की उम्मीद
महामारी कोरोना की वजह से पत्थर का व्यवसाय प्रभावित हुआ था, लेकिन नई संसद भवन में इसके इस्तेमाल होने की बात सामने आने पर अब धौलपुर के पत्थर व्यवसाय में एक बार फिर से चार चांद लगने की उम्मीद जगी है। ऐसे में जिले सैकड़ों लोगों को एक बार फिर अपने घर मे ही रोजगार प्राप्त होगा और जिले के पत्थर व्यापार को एक नई गति मिलेगी।
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा में नई संसद भवन को अत्याधुनिक तरीके से बनाया जाएगा। जिसमें सेंट्रल हॉल के साथ कई ऐसी इमारतें बनेंगी, जो आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगी। इसके अलावा राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 3 किलोमीटर लंबे राजपथ का सुधार होगा। अंडरपास और अंडर ग्राउंड ब्लॉक बनेंगे। इनके अलावा कृत्रिम तालाबों पर 12 पुल बनाए जाएंगे। इन सभी में लाल पत्थर का उपयोग किए जाने की संभावना है।

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