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धौलपुर

ट्रेन में चलेगा विद्यालय

सरकारी स्कूलों के प्रति बच्चों को आकर्षित करने व शिक्षा को मनोरंजक बनाने के लिए डांग क्षेत्र में एक अनोखा प्रयोग किया गया है।

धौलपुरJan 14, 2019 / 01:19 pm

Amit Singh

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ट्रेन में चलेगा विद्यालय

ट्रेन में चलेगा विद्यालय
– शेरपुर विद्यालय को दिया ट्रेन का रूप
-विद्यार्थियों के आकर्षण व शिक्षा को मनोरंजक बनाने के लिए किया नवाचार
-एचएम ने किया नवाचार अपने वेतन से छुट्टियों में दिया नया लुक
-अलवर के बाद दूसरा स्कूल जो ट्रेन में हुआ तब्दील
धौलपुर. सरकारी स्कूलों के प्रति बच्चों को आकर्षित करने व शिक्षा को मनोरंजक बनाने के लिए डांग क्षेत्र में एक अनोखा प्रयोग किया गया है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय शेरपुर में विशेष दिखे, बालक निजी स्कूलों का मोह छोड़ककर सरकारी स्कूल में प्रवेश लें इस उद्देश्य से विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश शर्मा ने पूरे स्कूल को ही ट्रेन का रूप दिलवा दिया है । स्कूल को नए रूप में देख बच्चे भी बहुत प्रभावित हो रहे हैं। इसके लिए अलवर से चित्रकारों की विशेष टीम बुलाई गई थी। स्कूल की ट्रेन रूप में पेंटिंग किए जाने के बाद उसका नाम शैक्षिक एक्सप्रेस रखा गया। पेंटिंग के समय कक्षों को डिब्बों का आकार दिया गया है और खिड़कियों को ट्रेन की खिड़कियों के रूप में व्यवस्थित की गई है। विद्यालय के कार्यालय को ट्रेन का इंजन बना दिया गया है। जिसमें पहिए लगाए गए हैं। यही नहीं विद्यालय परिसर की बाउंड्री को भी नया लुक देते हुये एरोप्लेन सहित आकर्षक चित्रकारी की गई है। स्कूल के आकर्षक लुक को देखकर छात्र बेहद उत्साहित दिख रहे हैं और स्कूल अब उन्हें घर से भी अधिक आकर्षित लग रहा है। यही नहीं अभिभावक भी संस्था प्रधान राजेश शर्मा की इस पहल से बेहद प्रभावित हो रहे हैं ।
विद्यालय के एचएम राजेश शर्मा के मुताबिक केरल एंव प्रदेश में अलवर के एक स्कूल में ट्रेन व एरोप्लेन कक्ष की पेंटिंग ने उन्हें बहुत प्रभावित किया । इसलिये वहां के चित्रकार सुरेश कुमार, भैंरूलाल मीणा, रंजीत सिंह व लखविंदर सिंह की टीम को शीतकालीन छुट्टियों में बुलाकर स्कूल को 20 दिन में नया आकर्षक लुक दिया गया । इसके लिए पहले पुट्टी प्लास्टिक पेंट कराया। विद्यालय के नए आकार पर एक से सवा लाख रुपए का खर्चा आया है। स्कूल में इतना बजट न होने के कारण ट्रेन की चित्रकारी पर आए व्यय का भुगतान अपने वेतन से किया गया है ।
जिले का सर्वाधिक नामांकन वाला स्कूल
विद्यालय न्यू नामांकन के कारण अगस्त 2014 में बंद कर दिया गया था। लेकिन प्रधानाध्यापक राजेश शर्मा ने ग्रामीणों के सहयोग से शिक्षा अधिकारियों व तत्कालीन जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम से मिलकर पुन: खुलवाया और नामांकन बढ़ाने का भरोसा दिया था। प्रधानाध्यापक शर्मा ने लगातार स्कूल के नामांकन में बढ़ोतरी की एंव निजी स्कूलों की तरह छात्रों को शिक्षा प्रदान की। यही नहीं साल दर साल विभाग से मिले लक्ष्य से अधिक नवीन प्रवेश कर नामांकन वृद्धि के लक्ष्य को अर्जित किया। स्कूल पुन: खुलने के पहले साल 8 2, दूसरे साल 114, तीसरे साल 152 और वर्तमान शैक्षिक सत्र में रिकॉर्ड 74 विद्यार्थियों के नवीन प्रवेश के साथ 210 का नामांकन किया गया। जो जिले की प्राथमिक विद्यालयों में तो सर्वाधिक है ही ।
स्कूल को नई सरकार व विधायक से मदद की उम्मीद
अभिभावक डॉ. अतर सिंह बघेल, साहब सिंह, एसएमसी अध्यक्ष हरीकृष्ण बघेल, छात्र नेता गौरव बघेल ने बताया कि स्कूल में वर्तमान में केवल दो ही क्लास रूम हैं। जिससे सवा दो सौ के करीब छात्रों को बिठाने और शिक्षण में बहुत मुश्किल आती है। यही नहीं स्कूल में नामांकन के अनुरूप शिक्षकों के पद भी स्वीकृत नहीं किए केवल तीन शिक्षक व एक शिक्षाकर्मी होने से पढ़ाई प्रभावित होती है। इसके अलावा लिंक रोड एंव गांव से स्कूल तक रास्ते का आभाव है। वहीं स्कूल व खेल मैदान के लिएआवंटित जमीन पर अतिक्रमण से छात्रों के लिए खेलने की जगह नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में समय-समय पर बीईईओ, डीईओ सहित कई जनप्रतिनिधि भी आए लेकिन आश्वासनों के सिवाय अभी तक कुछ नहीं मिला। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से विद्यालय में तीन अतिरिक्त कक्षा कक्ष बनवाने, गांव से विद्यालय तक सड़क निर्माण सहित खेल मैदान की भूमि पर अतिक्रमण हटाकर स्कूल को कब्जा दिलाने के साथ मिडिल तक क्रमोन्नत करने की मांग की जाएगी।

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