scriptशुद्ध के लिए युद्ध रहा बेअसर, टीम की असंगठित कार्यवाही से बचकर अधिकांश दुकानें हुई बंद | The battle for the net has been ineffective, most shops closed due to | Patrika News
धौलपुर

शुद्ध के लिए युद्ध रहा बेअसर, टीम की असंगठित कार्यवाही से बचकर अधिकांश दुकानें हुई बंद

राजाखेड़ा. राजाखेड़ा में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान पहले दिन ही फ्लॉप शो साबित हुआ, जहां 250 से अधिक मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थो की दुकानों पर कार्रवाई की पूर्व सूचना के चलते अधिकांश दुकानदार पहले ही अपनी दुकानों को बंद कर भाग छूटे। कार्यवाही अंजाम से पहले ही दम तोड़ गई। जिससे मात्र 2 प्रतिष्ठित व्यापारियों के सैम्पल ही भरे जा सके।

धौलपुरOct 31, 2020 / 01:28 pm

Naresh

 The battle for the net has been ineffective, most shops closed due to unorganized operations of the team

शुद्ध के लिए युद्ध रहा बेअसर, टीम की असंगठित कार्यवाही से बचकर अधिकांश दुकानें हुई बंद

शुद्ध के लिए युद्ध रहा बेअसर, टीम की असंगठित कार्यवाही से बचकर अधिकांश दुकानें हुई बंद
2 दुकानों से लिए सैम्पल

राजाखेड़ा. राजाखेड़ा में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान पहले दिन ही फ्लॉप शो साबित हुआ, जहां 250 से अधिक मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थो की दुकानों पर कार्रवाई की पूर्व सूचना के चलते अधिकांश दुकानदार पहले ही अपनी दुकानों को बंद कर भाग छूटे। कार्यवाही अंजाम से पहले ही दम तोड़ गई। जिससे मात्र 2 प्रतिष्ठित व्यापारियों के सैम्पल ही भरे जा सके।
क्यों रही असफल
राजाखेड़ा में बाजार की भौगोलिक स्थिति बड़ी सामान्य है। पूरा बाजार एक ही सीधे मार्ग पर 2 किलोमीटर में लंबवत स्थित है। जहां कई दल एक साथ बाजार में उतरे तो ही कार्यवाही संभव है। लेकिन शुक्रवार को कार्यवाही बीच बाजार से आरम्भ की गई, जहां मात्र 4 दुकानें स्थित है, जबकि अधिकांश दुकानें बाजार के अंतिम सिरों पुलिस चौकी टाउन और थाने के आस पास स्थित है। ऐसे में टीम द्वारा पुलिस बल के साथ सीधे मुख्य बाजार में पहुंचने के तौर तरीकों पर ही प्रश्नचिन्ह उठ रहे है, जहां कुछ ही दुकानें स्थित है। ऐसे में पूरे क्षेत्र के व्यापारियों को दुकानें बंद कर बच कर निकल भागने का मौका मिल गया।
दो दुकानों पर हुई जांच
तहसीलदार नाहरसिंह ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी पदम सिंह परमार एवं रसद विभाग के प्रवर्तन निरीक्षक नीरज सिंह ने पुलिस दल के साथ कार्यवाही आरम्भ की। दो मिष्ठान्न भंडार पर विभिन्न मिष्ठान सामग्रियों के नमूने एकत्रित किए, लेकिन अन्य दुकानें जब तक बंद हो गई।
लोगों ने उठाए सवाल
स्थानीय मोहित शर्मा, लक्ष्मी कांत, सुरेश, भीकम आदि का आरोप था कि जब प्रशासनिक हलकों में लंबे समय से जानकारी है कि राजाखेड़ा सिंथेटिक मिल्क और मावा का जिले में सबसे बड़ा केंद्र है तो कार्यवाही बड़े स्तर पर क्यों नहीं की गई। जब पुलिस बल साथ था तो सबसे पहले सभी दुकानों पर एक साथ कर्मचारी भेज कर उन्हें खुलवाकर जांच सुनिश्चित क्यों नही की गई। जिससे दुकानों को बंद करने का मौका मिला।
50 से अधिक मिल्क प्लांट
लोगों का आरोप है कि राजाखेड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू स्तर पर बोइलर प्लांट लगे हुए हैं, जो दूध संग्रहण कर उसमें से घी निकालकर अन्य सामग्री मिलाकर उसका मावा बनाने का कार्य करते है। यह सारा मावा निजी वाहनों में आगरा मंडियो में पहुंचाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। ऐसे में इनकी जांच की जगह बाजार की दुकानों की जांच की खानापूर्ति कर अभियान पूरा कर दिया गया। जो अभियान के उद्देश्य ओर औचित्य पर ही प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।
इनका कहना है

एक दुकान पर कार्यवाही में औसतन आधा घंटा लगता है, जिससे अन्य को निकलने का मौका मिल गया। अभियान तो आभी आरम्भ हुआ है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। मिलावटियों के विरुद्ध जांच निरंतर जारी रख उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाती रहेगी।
नाहर सिंह, तहसीलदार, राजाखेड़ा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो