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धौलपुर

जनता को फिर लगेगा आठ करोड़ का फटका

धौलपुर शहर में सीवर लाइन डालने के बाद सडक़ों के घाव पूरे भरे भी नहीं हैं कि अब गैस पाइप लाइन डालने के लिए फिर से सडक़ों का सीना छलनी करने की तैयारी हो गई है। इससे जनता को गाढ़ी कमाई के आठ करोड़ रुपए का फटका लगेगा।

धौलपुरOct 15, 2019 / 10:59 am

Mahesh gupta

जनता को फिर लगेगा आठ करोड़ का फटका

जनता को फिर लगेगा आठ करोड़ का फटका

अब फिर हिचकोले खाएगी धौलपुर की जनता
एजेंसी ने मांगी नगरपरिषद से सडक़ खोदने की अनुमति
धौलपुर. धौलपुर शहर में सीवर लाइन डालने के बाद सडक़ों के घाव पूरे भरे भी नहीं हैं कि अब गैस पाइप लाइन डालने के लिए फिर से सडक़ों का सीना छलनी करने की तैयारी हो गई है। इससे जनता को गाढ़ी कमाई के आठ करोड़ रुपए का फटका लगेगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं धौलपुर शहर में डलने जा रही गैस पाइप लाइन की। केन्द्र सरकार की ओर से धौलपुर जिला मुख्यालय पर गैस पाइप लाइन डालने के लिए धौलपुर सिटी गैस ड्रिस्ट्रीब्यूसन प्राइवेट लिमिटेड को कार्यकारी एजेंसी भी बना दिया है। जो सभी सरकारी औपचारिकता पूरी करने के बाद शीघ्र ही शहर में पाइप लाइन डालने का कार्य शुरू कर देगी।
हाल ही बनी है छह करोड़ की सडक़ें, दो करोड़ के चल रहे कार्य
शहर में आरयूआईडीपी की ओर से सीवर लाइन डालने के बाद शहर ऊबड़-खाबड़ हो गया था। इसे सही करने के लिए नगरपरिषद की ओर से प्रथम फेज में करीब 6 करोड़ रुपए लागत से सडक़ों का निर्माण कराया गया था। वहीं दो करोड़ रुपए के कार्य अब भी जारी हैं। इसके बाद भी लगातार सीसी सडक़ों के टेण्डर किए जा रहे हंै। अगर गैस पाइप लाइन डालने का कार्य शुरू होता है कि शहर की नवनिर्मित सडक़ों को फिर से खोदा जाएगा और शहर फिर ऊबड़-खाबड़ हो जाएगा। हालांकि इसके लिए कार्यकारी एजेंसी पुनर्भरण राशि देगी, लेकिन वह भी तो जनता की कमाई ही होगी।
ऑफिस के लिए भूमि आवंटन प्रस्ताव तैयार
एजेंसी के लिए ऑफिस बनाने के लिए जिला कलक्टर कार्यालय में भूमि आवंटन प्रस्ताव भी तैयार हो गए हैं। इसके तहत नरपुरा में चरागाह भूमि में से करीब 1-4 बीघा भूमि आवंटन की कार्रवाई की जा रही है। यह भूमि पैराफेरी में होने के कारण नगरपरिषद से सिवायचक भूमि चरागाह के बदले में देने के लिए एनओसी मांगी गई थी, जो नगरपरिषद ने जारी कर दी है। वहीं शहर की सडक़ों को खोदने के लिए कार्यकारी एजेंसी ने नगरपरिषद से एनओसी मांगी है। साथ ही शहर का ले-आउट प्लान की कॉपी भी मांगी है। जिससे शहर के नक्शे के मुताबिक पाइप लाइन बिछा सके। इस पर नगरपरिषद ने मशक्कत करना शुरू कर दिया है। पहले परीक्षण करने के बाद एस्टीमेट बनाया जाएगा, इसके बाद राशि पुनर्भरण की डिमाण्ड की जाएगी। इसके बाद ही अनुमति जारी की जाएगी।
सीवर डलने से नरक हो गया था शहर
आरयूआईडीपी की ओर से शहर में डाली गई सीवर लाइन के कारण शहर में नरक जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
वहीं कई वार्डों में तो आज भी लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। हाल ही हुई बोर्ड बैठक में पार्षद निशांत चौधरी ने उनके वार्ड में सीवर लाइन डलने के बाद कीचड़ होने की समस्या का प्रमुखता से उठाया था।
जब फिर से खुदनी है सडक़, तो क्यों बनाएं
शहर में गैस पाइप लाइन डलने के कारण जब सडक़ों को खोदा ही जाना है तो अभी चल रहे कार्यों और सडक़ निर्माण के लिए निकाले जा रहे टेण्डरों पर विराम लगा देना चाहिए। इस सम्बंध में नगरपरिषद के अधिशासी अभियंता ने दस अक्टूबर को हुई बोर्ड की साधारण सभा में प्रस्ताव भी रखा था। लेकिन इस पर पार्षदों ने चर्चा करना तक मुनासिब नहीं समझा। इस पर एक्सईएन को ही चुप होना पड़ा।
शहर में गैस पाइप लाइन डाली जानी है। इसके लिए कार्यकारी एजेंसी ने ऑफिस के लिए भूमि मांगी है। वहीं सडक़ खुदाई करने के लिए परिषद से एनओसी मांगी है। इसके लिए मशक्कत शुरू कर दी है। शहर में प्रथम फेज में करीब छह करोड़ की लागत से सडक़ निर्माण हो चुके हैं, वहीं दो करोड़ रुपए के कार्य चल रहे हैं। मैंने बोर्ड में यह प्रस्ताव रखा था कि जब सडक़ खुदनी है तो अभी बनने वाली सडक़ों के निर्माण रोक दिए जाएं, जिससे राशि का सदुपयोग हो सके। लेकिन इस प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो पाई।
बृजमोहन सिंहल, अधिशासी अभियंता, नगरपरिषद, धौलपुर।

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