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धौलपुर

बाढ़ से बचने ऊंचे टीलों पर ली शरण

चम्बल में बाढ़ के हालातो में मंगलवार तक कोई सुधार नहीं आ पाया है। चम्बल के तटवर्ती अंधियारी गांव पूरी तरह से जलमग्न बना हुआ है जबकि रपट से आगे गढ़ी-जाफर, दगरा, बरसला, खोड़, हेतसिंह का पुरा आदि गांवों के घरों में अभी तक पानी भरा हुआ है।

धौलपुरSep 18, 2019 / 11:38 am

Mahesh gupta

बाढ़ से बचने ऊंचे टीलों पर ली शरण

बाढ़ से बचने ऊंचे टीलों पर ली शरण

सुरक्षा बल कर रहे निकालने में मदद
राजाखेड़ा. चम्बल में बाढ़ के हालातो में मंगलवार तक कोई सुधार नहीं आ पाया है। चम्बल के तटवर्ती अंधियारी गांव पूरी तरह से जलमग्न बना हुआ है जबकि रपट से आगे गढ़ी-जाफर, दगरा, बरसला, खोड़, हेतसिंह का पुरा आदि गांवों के घरों में अभी तक पानी भरा हुआ है। अंडवा-पुरैनी, चीलपुरा, बख्शपुरा आदि गांवों में तो हालात बेहद विषम बने हुए हैं। इन सभी इलाकों में सुरक्षा बलों के जवान लोगों को गांवों से सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयासों में लगातार जुटे हुए हंै और नावों के सहारे इन्हें क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में लाया जा रहा है। अनेक गांवों के लोगों ने ऊंचाई पर बने रेतीले टीलों पर शरण ले रखी है।
प्रशासन व ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
सरमथुरा. कोटा बैराज से लगातार छोड़े गए पानी से चंबल नदी में आया उफान अब सोमवार रात्रि से उतरने लगा है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी मंगलवार को भी अलग-अलग क्षेत्रों में डेरा डाले रहे। चंबल का पानी गत दो दिनों में उपखंड क्षेत्र के झिरी व मदनपुर इलाके के अनेक गांवों में घुस गया था जो अब नीचे उतरता जा रहा है। इससे प्रशासन व ग्रामीणों को राहत मिलने लगी है। चंबल से सटे झिरी इलाके में सरमथुरा तहसीलदार बृजेश मंगल व सरमथुरा थाना प्रभारी धर्म सिंह सहित अनेक कर्मचारी गांव में ही डेरा डाले हुए हैं। मदनपुर इलाके के कारी तीर, भूरा पुरा, मोती का पुरा आदि गांवों के लगभग 125 घरों को ऊंचाई वाले संबंधित स्कूलों में रखा गया था। इलाके में सरमथुरा उपखंड अधिकारी जगदीश गुर्जर एवं सरमथुरा पुलिस उपाधीक्षक भूपेंद्र शर्मा कैंप किए हुए हैं। तहसीलदार बृजेश मंगल ने बताया कि इस समय चंबल का जलस्तर करीब 7 फीट नीचे उतर चुका है। देर रात्रि को धीरे धीरे और कम होने की संभावना है। झिरी इलाके के परिवारों ने सरकार से ऊंचे स्थानों पर पट्टे जारी करने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ से उनके मकान हमारे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अब उनके लिए रहने की समस्या हो गई है। इस पर तहसीलदार ने आश्वासन दिया है कि प्रशासन द्वारा आबादी क्षेत्र में पट्टे देने की जो भी प्रक्रिया होगी उसके तहत कार्यवाही की जाएगी। झिरी बस स्टैंड पर अब भी 6 फीट पानी है।

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